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"चलो कहानी सुनें!" — 5 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए कल्पना, संवेदना और जीवन मूल्यों से भरा हुआ एक रंगीन बाल कथा-संग्रह। यह पुस्तक बच्चों को जादुई लोक की यात्रा पर ले जाती है, जहाँ बोलते खिलौने, सोचते पेड़, गुनगुनाते झूले और उड़ते बैग उनके दोस्त बन जाते हैं।
पचास कहानियाँ — हर एक में सीख, मुस्कान और सोच का एक नया बीज। सरल भाषा, रोचक घटनाएँ और बाल मनोविज्ञान के अनुरूप गढ़े गए पात्र इस संग्रह को न केवल पढ़ने योग्य बनाते हैं, बल्कि बार-बार पढ़े जाने योग्य भी बनाते हैं।
हर कहानी के अंत में एक छोटा संदेश या प्रश्न — जिससे बच्चा सिर्फ़ सुनने वाला नहीं, सोचने और संवाद करने वाला भी बनता है।
यह पुस्तक सिर्फ़ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि माता-पिता, शिक्षकों और बाल साहित्य प्रेमियों के लिए भी एक अमूल्य साथी है। इसे नैतिक शिक्षा, रचनात्मक लेखन, चित्रकला, या कहानी कहने की कक्षा में भी प्रयोग किया जा सकता है।
"चलो कहानी सुनें!" — एक ऐसी किताब जो बच्चों के मन में कल्पनाओं के रंग भरती है और उनके दिल में मानवीय मूल्यों के बीज बोती है।
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