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Darpan Mein Daraar

Kundaliyaan Chhand
Dr Satywan Saurabh
Type: Print Book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹250 + shipping
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Description

"दर्पण में दरार" — एक ऐसा कुंडलिया संग्रह है जो केवल कविता नहीं, समाज के सामने एक आईना है। इस पुस्तक में कुल आठ खंडों में 240 कुंडलियाँ संकलित हैं, जिनमें से प्रत्येक छंद समाज के किसी न किसी अनछुए, अनकहे और उपेक्षित पक्ष को उजागर करता है।

यह काव्य-संग्रह स्त्री की चुप्पियों से लेकर पुरुष की पीड़ा तक,
रिश्तों की रेत से लेकर टूटती नैतिक नींव तक,
प्रेम की पराजयों से आत्मा की पुकार तक,
बचपन की चिट्ठियों से लेकर मंच, मंडियों और मीडिया की चालबाजियों तक —
हर वह कोना टटोलता है जिसे आज की चकाचौंध भुला रही है।

डॉ. सत्यवान सौरभ की लेखनी व्यंग्यात्मक भी है, भावप्रवण भी,
तथ्यों से टकराती भी है और कविता की कोमलता भी संजोए हुए है।
यह पुस्तक न केवल साहित्यप्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय कृति है,
बल्कि आलोचकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए भी
एक दृष्टिकोण देने वाली विचारोत्तेजक रचना है।

यदि आप कविता को केवल मनोरंजन नहीं,
बल्कि विचार, प्रतिरोध और बदलाव का माध्यम मानते हैं —
तो "दर्पण में दरार" आपके लिए एक आवश्यक पठनीय कृति है।

About the Author

डॉ. सत्यवान सौरभ समकालीन हिंदी साहित्य के एक संवेदनशील, प्रखर और प्रतिबद्ध रचनाकार हैं, जिनकी लेखनी कविता को केवल सौंदर्य नहीं, सच कहने का साहस भी बनाती है। हर शब्द उनके अनुभव, सामाजिक चेतना और मानवीय करुणा से जन्म लेता है।

हरियाणा के हिसार से संबंध रखने वाले डॉ. सौरभ न केवल एक प्रबुद्ध कवि हैं, बल्कि स्वतंत्र पत्रकार, आलोचक और स्तंभकार के रूप में भी सक्रिय हैं। उनकी रचनाओं में ग्रामीण यथार्थ, स्त्री-विमर्श, सामाजिक विडंबनाएँ और सत्ता के विरोध का स्वर स्वाभाविक रूप से प्रकट होता है।

अब तक उनके कई काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें:

"तितली है ख़ामोश" (दोहा-संग्रह)

"यादें" (स्मृति-आधारित कविता-संग्रह)

"स्याही की सादगी" (स्त्री-केंद्रित कविताएँ)

और अब "दर्पण में दरार" (कुंडलिया-संग्रह) प्रमुख हैं।

वे अपने पाठकों को केवल पढ़ने नहीं, सोचने, महसूस करने और टकराने के लिए आमंत्रित करते हैं। उनकी रचनाएँ अख़बारों, पत्रिकाओं और डिजिटल मंचों पर नियमित रूप से प्रकाशित होती हैं।

उनका मानना है —
"कविता तब तक अधूरी है, जब तक वह समाज को भीतर से झकझोर न दे।"

Book Details

ISBN: 9786209221675
Publisher: Rk Features Pragyanshala
Number of Pages: 111
Dimensions: 5.5"x8.5"
Interior Pages: B&W
Binding: Paperback (Perfect Binding)
Availability: In Stock (Print on Demand)

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