लेखक परिचय
डॉ. योगेन्द्र कुमार
(आचार्य योगेन्द्र शास्त्री “निर्मोही”)
लेखक का जन्म 09 जनवरी 1993 को ग्राम- चमकरी, जनपद- एटा, उत्तरप्रदेश, भारत में हुआ।
इनके पिता श्री रामप्रकाश आर्य तथा माता श्रीमती कमलेशदेवी आर्यसमाज एटा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। इनके दो बड़े भाई हैं। इनकी पत्नी कुशल गृहिणी हैं| इन्हें दो संतान हैं- पुत्री गायत्री तथा पुत्र अनुव्रत।
शिक्षा:- लेखक ने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा संस्कृत माध्यम से गुरुकुल में रहकर ग्रहण की है- शास्त्री (बी.ए.), आचार्य (एम.ए.), शिक्षाशास्त्री (बी. एड.), विद्यावारिधि (पी.एच.डी.)।
आर्यसमाज में आगमनः-
लेखक के मौसाजी स्व0 श्री जानकी प्रसाद आर्य ‘आर्यसमाज एटा, उत्तर प्रदेश’ के सक्रिय सदस्य थे। जिनके पास लेखक का बाल्यकाल में अपने माता-पिता के साथ रविवासरीय सत्संगों में आना-जाना होता था, जिस कारण लेखक के मन में आर्यसमाज के प्रति अटूट श्रद्धा जगी। तदुपरांत मौसा जी की कृपा से आर्यजगत् के उद्भट्ट विद्वान् डा. सुरेशचन्द्र शास्त्री जी का विशेष आशीर्वाद व सान्निध्य प्राप्त हुआ, जिस कारण लेखक आर्ष गुरुकुल यज्ञतीर्थ एटा तथा श्री सर्वदानंद संस्कृत महाविद्यालय गुरुकुल साधु आश्रम, हरिगढ में अध्ययन किया।
लेखक का मुम्बई में आगमन-
21 मई 2010 को सर्वप्रथम मुम्बई में आगमन आर्यसमाज वाशी में पुरोहित पद के लिए हुआ। अनेक वर्षों तक आर्यसमाज वाशी में पुरोहित के रूप में सेवा दी और तभी से वर्त्तमान तक आर्यसमाज वाशी के प्रत्येक कार्यक्रम (वेदप्रचार सप्ताह एवं स्थापना दिवसादि) में सहभागिता निभाते आ रहे हैं और वर्त्तमान में भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, मुम्बई के परमाणु ऊर्जा केन्द्रीय विद्यालय-4, में संस्कृत-शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं तथा बच्चों में आर्यसमाज, ऋषि दयानन्द एवं देशभक्ति की भावना की अलख जगाने के लिए सदा प्रयत्नशील हैं।
रचनाएँ:- आर्यभाषा हिन्दी तथा संस्कृतभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए समसामयिक-सामाजिक विषयों पर गद्य-पद्य दोनों ही विधा में लेखन कार्य करते हैं। अब तक लगभग 1950 कविताएं (वीर-रुद्र-हास्य-शान्तादि रसालंकारादि में) तथा 50 निबंध/अनुच्छेदों का लेखन कर चुके हैं। जिनका विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन हो रहा है तथा यह क्रम अनवरत रूप से जारी है और सभी रचनाएँ लेखक के निम्न ब्लॉगर पर उपलब्ध हैं। acharyayogendrashastrinirmohi@blogspot.com
लेखक ने अपने पूज्य दादा जी स्व0 श्री छदामीलाल (मल्ल, पहलवान) जी की स्मृति में अपनी लिखी कविताओं का पुष्पगुच्छ ‘काश आज दादा जी होते’ समर्पित किया है, जो प्रकाशनाधीन है।
वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ के प्रकाशन BOOKSCLINIC PUBLISHING द्वारा एक साझा काव्य संग्रह कवि की कल्पना, कलम से पन्नों तक प्रकाशित हुआ, जिसमें क्रमांक-09, पर आचार्य योगेन्द्र शास्त्री ‘निर्मोही’ की 4 कविताएं- 1- मैं लड़ रहा हूँ, 2- मैं फौजी की वीरवधू हूँ, 3- जादू माँ के हाथों में, 4- हे नाग! तू मानव से ड़र
प्रकाशित हुईं हैं, जिन्हें पाठकों ने बहुत पसंद किया है। (ISBN. 978-93-5535-784-7)
महर्षि दयानन्द सरस्वती जी द्वारा लिखित संस्कारविधिः के सार के रूप में अथ संस्कारपरिचयः नामक लघुपुस्तिका का लेखनकार्य किया, जो अक्टूबर 2025 में शिवालिक प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित हुई| (ISBN. 978-93-48433-35-0)
लेखक द्वारा सच्ची घटना पर आधारित ‘शिक्षक की बीमारी’ जनमानस के लिए उपलब्ध है।
लेखक द्वारा लिखा गया संस्मरण जो अपनी भतीजी के जीवन पर आधारित ‘सरस्वती’ जनमानस के लिए Amazon KDP पर Online उपलब्ध है।
लेखक द्वारा सच्ची घटना पर आधारित उपन्यास ‘दहेज का बदलता रूप’ जनमानस के लिए उपलब्ध है।
सम्पर्कसूत्र :-
आचार्य योगेन्द्र शास्त्री “निर्मोही”,
डी-1, तक्षशिला- बी, अणुशक्तिनगर, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, आवासीय कालोनी, मुंबई- 400094
मो. 9769677927 -- 8898869438,
ईमेल- acharyayogendrashastrinirmohi@gmail.com