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कुछ शब्द
मेरी रूममेट
दफ्तर जाने से पहले
उस दिन की बात
टूटे दिल के साथ
नयी सुबह
मुंबई में
सच का सामना
.........................कुछ कहानियां या उपन्यास आप पढ़ना तो शुरू करते हैं पर कुछ ही पन्नो को पढ़ने के बाद रख देते हैं, कुछ किताबों को आप सिर्फ शीर्षक या प्रस्तावना पढ़कर ही रख देते हैं, लेकिन कुछ कहानियां या किताबें ऐसी भी होती हैं जिनको आप पढ़कर संजो कर रख लेते हैं और अपने आस पास के लोगों को भी उस किताब या कहानी के बारे में समय समय पर बताते रहते हैं।
ऐसा ही एक उपन्यास है के. सिंह जी के द्वारा लिखा हुआ 'हम प्यार और शरीर से प्यार करते हैं' जो निश्चय ही आपके दिल और दिमाग में हमेशा के लिए अपनी जगह बना लेगा।
ये नलिनी की कहानी है, ये विक्रम की कहानी है, ये सुष्मित की कहानी है, पर सिर्फ ये जानकार ही निष्कर्ष मत निकाल लीजियेगा के ये आम कहानियों की तरह ही कोई प्रेम के विषय पर लिखा हुआ उपन्यास है! नहीं, ऐसा नहीं है! प्रेम की पृष्ठभूमि पर लिखा हुआ ये एक ऐसा उपन्यास है जो समाज की उस हकीकत को उजागर करता है जिससे आप शायद आज तक अवगत ना हुए हों!
हम यकीन से कह सकते हैं के के. सिंह जी की लिखाई की कला आपके दिल और दिमाग पर अपनी एक अमित छाप छोड़ देगी!.....................
शुभकामना
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