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डल के किनारे, बुद्ध खड़ा है ! (eBook)

Type: e-book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹26
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

डल के किनारे, बुद्ध खड़ा है ! डॉ. चन्द्रशेखर बी. शर्मा का एक मार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण से समृद्ध नज़्मों का संग्रह है, जो व्यक्तिगत शोक और सामूहिक त्रासदी के दरारों से होकर गुजरता है। यह संग्रह कश्मीर की गंगा-जमुनी तहज़ीब में गहराई से जड़ें जमाए हुए है और इसकी काव्यात्मक दृष्टि शोक-संगीत और प्रतिरोध—दोनों का समन्वय करती है। हिन्दुस्तानी भाषा [हिंदी और उर्दू का मिश्रण] में रचित यह काव्य, शिल्प की कोमलता और राजनीतिक चेतना—दोनों को साथ लेकर चलता है, और एक ऐसे भूगोल की पीड़ा को स्वर देता है जो वैचारिक कट्टरता और हिंसा से घायल है।
इस संग्रह की उत्पत्ति २२ अप्रैल,२०२५ को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़ी है, जिसमें २६ मासूमों की नृशंस हत्या हुई—यह क्षण कवि के लिए केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि राष्ट्रीय आत्मा के विखंडन का क्षण बन गया। यह कविता केवल शोक नहीं करती, यह सवाल उठाती है। पश्म की ज़ुबानी और दीमक जैसी रचनाओं में पश्मीना के क्षय और शिकारे की जर्जरता के रूपकों द्वारा वह सांस्कृतिक क्षरण, युवा पीढ़ी की ब्रेनवाशिंग और पवित्र प्रतीकों के राजनीतिक दुरुपयोग की आलोचना करते हैं।
गौतम बुद्ध और अष्टांग मार्ग का आह्वान इस संग्रह में एक नैतिक दिशा-सूचक के रूप में उभरता है—अंधकार में प्रकाश की खोज। यह संग्रह सौंदर्य व पलायनवाद नहीं, बल्कि आत्म-मंथन, सत्य की खोज और सामाजिक चेतना के लिए एक आह्वान है। अंततः यह नज़्में केवल विलाप नहीं हैं, बल्कि वे बदलाव का बीज हैं—भीतर से शुरू होने वाला परिवर्तन, जो शांति और सह-अस्तित्व की राह दिखाता है।
यह केवल एक काव्य-संग्रह नहीं, बल्कि एक रक्तरंजित परंतु जीवित कश्मीर की आत्मा की ध्यानमग्न अभिव्यक्ति है।

About the Author

डॉ. चंद्रशेखर बंसीलाल शर्मा एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर तथा अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष हैं, जो महाराष्ट्र के भंडारा जिले स्थित श्रीमती रेवाबेन मनोहरभाई पटेल महिला कला महाविद्यालय में कार्यरत हैं। शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में उनके 32 वर्षों से अधिक के अनुभव ने उन्हें एक सम्मानित शिक्षक, कवि और अनुवादक के रूप में स्थापित किया है। हिंदी, अंग्रेजी, डोगरी और मराठी भाषाओं पर गहरी पकड़ रखने वाले डॉ. शर्मा बहुभाषी साहित्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

उनकी कविताओं में भावनात्मक संवेदनशीलता, सांस्कृतिक गहराई और दार्शनिक सोच की झलक मिलती है। एक अनुवादक के रूप में उन्होंने विभिन्न भाषाओं और क्षेत्रों के बीच साहित्यिक पुल का कार्य किया है। उनके उत्कृष्ट अनुवाद कार्यों के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा प्रदान किया गया मामा वरेरकर अनुवाद पुरस्कार प्रमुख हैं।

डॉ. शर्मा की प्रमुख कृतियों में वर्ष 2006 में प्रकाशित अंतर्द्वंद्व के सीकर शामिल है, जिसे कृति प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया था। यह संग्रह मानव मन की आंतरिक उलझनों को अभिव्यक्त करता है। वर्ष 2010 में उन्होंने टी. एस. एलियट कृत दी वेस्ट लैंड— बंजर भूमि का अनुवाद किया था। इसके अतिरिक्त, 2016 में उनका एक और महत्वपूर्ण अनुवाद कार्य डोगरी कथा-कुंज के रूप में सामने आया, जिसे साहित्य अकादमी, नई दिल्ली ने प्रकाशित किया। यह डोगरी कहानियों का संग्रह है, जो क्षेत्रीय साहित्य को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करता है।

Book Details

ISBN: 9789334312867
Publisher: चंद्रशेखर बंसीलाल शर्मा
Number of Pages: 96
Availability: Available for Download (e-book)

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