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कृष्णायम् (eBook)

जीवन को श्रीकृष्ण की तरह देखने की कला
Type: e-book
Genre: Self-Improvement
Language: Hindi
Price: ₹99
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

कृष्णायम्
प्रिय पथिक! जीवन की यात्रा में एक ऐसा पल आता है, जब हृदय पुकार उठता है—"मैं श्रीकृष्ण बनना चाहता हूँ!" यह पुकार सिर्फ शब्द नहीं, अपितु आपकी आत्मा की वह गूँज है, जो आपको पूर्णता, प्रेम और आनंद की ओर ले जाना चाहती है।
श्रीकृष्ण होना केवल ईश्वर होना नहीं, अपितु मनुष्य होते हुए भी हर परिस्थिति में दिव्यता का दर्शन कराना है। वे युद्धभूमि में भी मुस्कुराते हैं, जीवन की चुनौतियों को भी लीला बनाते हैं, और घोर विपत्ति में भी शांति से कर्म करते हैं। श्रीकृष्ण बनना यानी अपने भीतर के अंधकार को मिटाकर आनंद, प्रेम और उत्साह का वह दीप जलाना, जो हर परिस्थिति में प्रकाश देता रहे।
यह पुस्तक आपको उसी श्रीकृष्ण की ओर ले जाएगी, जो आपके भीतर पहले से ही विद्यमान हैं। आइए, इस आनंदमय यात्रा में सम्मिलित हों—श्रीकृष्ण बनने की यात्रा में!

About the Author

चेतन भरत ठक्कर
एक सफल उद्यमी और प्रेरणादायी लेखक हैं, जिन्होंने Five Habits of Lifehacks जैसी चर्चित पुस्तक लिखी है। 19 विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का अनुभव रखने के बाद उन्होंने अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू किया और प्रेरणादायक तथा मोटिवेशनल लेख लिखना आरंभ किया। लेखन उनका जुनून है, और उनकी पहली फैंटेसी फिक्शन कृति The Avatar of Protector ने पाठकों के बीच विशेष पहचान बनाई।
चेतन जी के जीवन में असली मोड़ तब आया जब उन्होंने अपने जीवन का एक सच्चा उद्देश्य खोजा। ज्ञान की खोज में उन्होंने असंख्य पुस्तकों का अध्ययन किया, अनेक लेख पढ़े, प्रेरणादायक वीडियो देखे, आध्यात्मिक गुरुओं से मुलाक़ात की, और गहन ध्यान साधना की। इस सतत खोज ने उन्हें एक प्राचीन ग्रंथ — श्रीमद् भगवद्गीता — के संपर्क में ला दिया।
जब उन्होंने गीता के श्लोकों को आत्मसात करना शुरू किया, तो जीवन के प्रति उनकी दृष्टि ही बदल गई। उन्हें यह महसूस हुआ कि सच्ची सफलता पद, पैसा या शक्ति में नहीं, बल्कि धर्म, कर्तव्य और आत्मिक शांति में है। गीता ने उन्हें न केवल जीवन की दिशा दिखाई, बल्कि यह भी सिखाया कि संघर्षों, असफलताओं और विरोध के बीच भी मन को संतुलित रखते हुए कैसे आगे बढ़ा जाए।
आज चेतन भरत ठक्कर अपने लेखन, व्याख्यानों और पुस्तकों के माध्यम से युवाओं और जीवन में दिशा खोज रहे लोगों को यह संदेश देते हैं कि —
"सच्चा ज्ञान वही है, जो आपके कर्म, वाणी और विचार — तीनों को पवित्र बना दे।"

Book Details

Number of Pages: 154
Availability: Available for Download (e-book)

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