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छोटे छोटे डर (भूतिया कहानियाँ)
टी. सिंह
एक ऐसे क्षेत्र में आपका स्वागत है जहां छायाएं नृत्य करती हैं और फुसफुसाहटें घूमती रहती हैं, जहां जीवित और मृत के बीच का पर्दा बेहद पतला है। इन पन्नों में अलौकिकता के ताने-बाने से बुनी गई 46 कहानियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक में रोमांचकारी रहस्य और भयावह सुंदरता का नाजुक संतुलन है।
गोधूलि बेला में जब दुनिया अपनी साँसें रोक लेती है, ये कहानियाँ जीवंत हो उठती हैं, और आपको अपने रहस्यमय आलिंगन में खींच लेती हैं। आप भूले-बिसरे कोनों में घूमती भूतिया प्रेतात्माओं, खाली गलियारों में गूँजती प्रेत पदचापों और ठंडी फुसफुसाहटों का सामना करेंगे जो आपकी रीढ़ में सिहरन पैदा कर देती हैं। लेकिन अंधेरे के बीच, आपको आशा, साहस और मानवीय भावना के स्थायी लचीलेपन की झलक भी मिलेगी।
प्रेतवाधित हवेलियों, प्राचीन जंगलों और परित्यक्त कब्रिस्तानों के माध्यम से यात्रा करने के लिए तैयार हो जाइए। ऐसे पात्रों...
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