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जीवन के पहलू (कहानियों की नजर से)
टी सिंह
किसी भी कहानी को पढ़ने का अप्रत्यक्ष अर्थ होता है पाठक का कुछ देर के लिए अपने आप को भुला देना और कहानी के पात्रों की दुनिया में एक मूक दर्शक या श्रोता के रूप में अदृश्य ढंग से शामिल होना।
एक अच्छा पाठक जब किसी कहानी को पढ़ते हुए जगह जगह पर रुक जाता है और मन ही मन किसी घटना पर प्रश्न उठाने लगता है तो इसका अर्थ यही होता है के पाठक पूरी तरह से कहानी में डूबा हुआ है। ऐसे ही पाठक हर लेखक की पहली पसंद होते हैं जो कहानियों में लिखी हुई पंक्तियों को तो पढ़ें ही पर उन पंक्तियों तक भी पहुँच जायें जो लेखक ने लिखी नहीं होती हैं।
हम उम्मीद करते हैं के इस पुस्तक में जो कहानियाँ हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं वो आपको कुछ इस तरह का ही अनुभव प्रदान करेंगी, अर्थात आप बार बार रूककर कुछ सोचने को मजबूर हो जायेंगे। हमारी ये कहानियाँ उन कहानियों की तरह बिलकुल भी नहीं हैं जिनमे बड़े बड़े शब्दों और लम्बे लम्बे वाक्यों की इतनी भरमार होती है के कुछ पंक्तियाँ पढ़ने के बाद ही पाठक की रूचि कम हो जाती है।
तो अब आप हमारी कहानियों के माध्यम से प्यार के विभिन्न पक्षों के बारे में पढ़ने और उनके बारे में सोचने के लिए तैयार हो जाइये!
शुभकामना
जीवन के पहलू (कहानियों की नजर से)
Table of Content
प्रतिबंधित फूल
शैला
वो मुस्कुरा दी
सुन्दर पाप
वो ख़ास दिन
एक ऐसा प्यार
भीड़ में एक चेहरा
था या थी
खुद चुन लो
शब्द नहीं बोले
विदाई उपहार
यही प्यार था
निष्ठा
बरसात में परछाइयाँ
आखरी पन्ने
वो छोटी चिट्ठी
आखिर वो दिन
औरत और विश्वास
असंभव सपना
वो आखरी उपहार
अनुभव तो करो
कैसे कैसे हुआ
असहज प्रारम्भ
पहला कदम
छोटी सी याद
फिर भी उसको ठुकरा दिया
मारिया का अंतिम दिन
पहला अनुभव
कितने रंग
शांत प्रेम
वो मिलना चाहती थी
प्यार हमेशा के लिए
उस शाम को
अतीत का झोँका
एक सपना देखा
मेरी आँखों से देखो
मैं आऊंगा
एक शून्य
उत्तर की तलाश
फिर से शुरू
मददगार हाथ
एक प्रसंग
तुम जो नहीं थी
मेरी परी
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