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प्यार वालों की बातें (प्रेम सागर)
टी सिंह
'प्यार' शब्द कभी कभी, जब हम उन्मुयक्त मन से कुछ सोच रहे होते हैं, कानो में घंटियाँ सी बजा देता है। अगर थोड़ा गंभीरता से सोचे तो 'प्यार का सम्बन्ध' एक सम्मानजनक मानवीय सम्बन्ध है जिसमे दो लोगों को 'प्यार' शब्द का उपयोग करने का अधिकार होता है।
प्यार एक प्रक्रिया भी कही जा सकती हैं जो हिंसक, नाजुक, और कई पक्ष समेटे होती है लेकिन प्यार में डूबे दो लोगों को कभी कभी जीवन की भयानक सच्चाइयों का भी सामना करना होता है, और अगर वो उन भयानक सच्चाइयों को समझ लेते हैं तो जीवन और भी खूबसूरत हो जाता है।
'प्यार' के विषय पर इतनी कहानियां, लेख, और उपन्यास लिखे जा चुके हैं के ज्यादा पढ़ने वाले पाठक हैरान हो जाते हैं के इतनी कहानियों को पढ़ने के बाद भी उनके लिए प्यार की हर नयी कहानी कुछ ना कुछ नया ले ही आती है।
हमारी कहानियां जो आप अब इस किताब में पढ़ने वाले हैं आपको फिर से एक बार सोचने पर मजबूर कर देंगी और आप सोचने लगेंगे के कहानीयाँ पढ़ने के आपके लम्बे अनुभव के बाद भी आप प्यार को शायद पूरी तरह से समझ नहीं सके है! हर कहानी आपको कुछ ना कुछ नया देने वाली है। तो हो जाइये तैयार और शुरू कर दीजिये पढ़ना!
शुभकामना
Table of Content
प्यार वालों की बातें (प्रेम सागर)
Copyright
Table of Content
दो शब्द
किसकी गलती थी
वो प्यारा स्पर्श
हाथों में हाथ
प्रेम कहानी नहीं मरती
सबसे सुन्दर तोहफा
अँधेरा उजाला
कौन थी मैं
समाधान
मेरा नीलम
दूर का प्यार
तुम और मैं
एक और अधूरी कहानी
रानीगंज वाली औरत
उपहार प्यार भरे
वचन याद हैं?
जून का आखरी दिन
वो आखरी नहीं था
फूल के लिए फूल
आत्मा जा चुकी थी
आखरी आलिंगन
मुस्कान तुम्हारी
टूटे पंख
सम्मोहन
मैं तेरा दीवाना, परी
आखरी दिन
उसका चेहरा
मैं, पहली प्रेमिका
माफ़ करना
लेकिन क्या तुम
दिल से कही
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