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मौन दिग्गज: डॉ. मनमोहन सिंह (eBook)

Type: e-book
Genre: Politics & Society, Biographies & Memoirs
Language: Hindi
Price: ₹25
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

मौन दिग्गज: डॉ. मनमोहन सिंह

टी. सिंह

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शैक्षणिक कैरियर और अंतर्राष्ट्रीय व्यस्तताएँ

आर्थिक सुधारों के वास्तुकार

राजनीतिक यात्रा और यूपीए गठबंधन

प्रधान मंत्री बनना

कार्यालय में दशक

विरासत और आलोचनाएँ

पद छोड़ना और प्रधानमंत्री पद के बाद के वर्ष

जनता की धारणा और भारतीय राजनीति पर प्रभाव

निष्कर्ष

अर्थशास्त्र और राजनीति के क्षेत्र के दिग्गज भारत के पूर्व प्रधान मंत्री,डॉ. मनमोहन सिंह, ने अपनी योग्यता, कर्मनिष्ठा, ईमानदारी, और जनहित की भावना के बल पर भारत के इतिहास में अपना एक विशेष स्थान बना लिया है।

26 सितंबर, 1932 को गाह, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान में) में जन्मे, उनकी यात्रा अकादमिक प्रतिभा, आर्थिक नेतृत्व और राजनीतिक नेतृत्व की एक असाधारण कहानी के रूप में सामने आती है।

यह जीवनी एक ऐसे व्यक्ति के बहुमुखी पहलुओं को उजागर करने का प्रयास करती है जिनका जीवन भारत के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने के साथ जटिल रूप से जुड़ा हुआ है। सिंह साहेब का जीवन भारत और विश्व के करोडो लोगों और खासकर छात्रों के लिए एक सुनहरी रोशनी की तरह है जिसके प्रकाश में सभी अपना अपना मार्ग खोजने की कोशिश करते हैं।

पंजाब विश्वविद्यालय में अपने प्रारंभिक वर्षों से लेकर ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हॉल तक, डॉ. सिंह की शैक्षणिक प्रतिभा आरंभ से ही स्पष्ट थी।

पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एक व्याख्याता और प्रोफेसर के रूप में उनके योगदान ने एक ऐसे करियर की नींव रखी जो वैश्विक आर्थिक विमर्श पर एक अमिट छाप छोड़ने वाला था और दुनिया भर के सभी लोग एक दिग्गज अर्थशास्त्री के रूप में उनका लोहा मानने वाले थे।

शिक्षा क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए, व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों में उनकी भूमिका ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक चुनौतियों से निपटने के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित की।

डॉ. सिंह के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ 1991 में आया जब उन्होंने भारत सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाला। हालाँकि डॉक्टर साहेब को राजनीती का ज़रा भी अनुभव नहीं था, अर्थशास्त्र में अपने ज्ञान के कारण उन्होंने वित्त मंत्री के पद को बहुत ही योग्यता से निभाया और भारत के अलावा विश्व के कई विकसित देशों से भी सम्मान पाया और भारत को एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में खड़ा कर दिया।

गंभीर आर्थिक संकट का सामना करते हुए, उनके कार्यकाल में अभूतपूर्व सुधारों का कार्यान्वयन हुआ, जिसने प्रतिबंधात्मक लाइसेंस राज को खत्म कर दिया, टैरिफ कम कर दिया और भारत की अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोल दिया।

इन नीतियों के प्रभाव, जिन्हें सामूहिक रूप से "मनमोहनॉमिक्स" के रूप में जाना जाता है, ने भारत के आर्थिक उदारीकरण और परिवर्तन की नींव रखी। विश्व भर के देशो से भारत का व्यापार शुरू होने के तुरंत बाद ही उन्होंने भारत में कई बड़े बड़े आर्थिक सुधार किये और नयी तकनीक और विदेशी मुद्रा का भारत में स्वागत किया। हर तरफ उनके लिए सिर्फ प्रशंसा ही प्रशंसा थी।

सिंह साहेब की एक विशेषता है: वो कम बोलते है और काम अधिक करते हैं लेकिन जब बोलते हैं तो उनका एक एक शब्द इतिहास की किताबों में दर्ज़ हो जाता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन ही बहुत सादगी में बिताया है और कभी भी खुद को प्रसिद्द करने के लिए किसी प्रकार के भी सार्वजानिक आयोजन न तो किये और ना ही उनमें भाग लिया।

2004 में, डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत के 14वें प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लेते ही इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।

Book Details

Publisher: Raja Sharma
Number of Pages: 44
Availability: Available for Download (e-book)

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