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रजनी को भी शृंगार की कला समझ आयी थी। वह अपने नाजुक उंगलियों से अजय के सीने पर निपल्स को हल्का हल्का दबाती थी। खींचती थी।
एक मूर्ख पत्नी संभोग के वक्त बकबक करती है। पति से कुछ डिमाँड करती है। या मुर्दे जैसे शरीर को कड़क बनाकर पड़ी रहती है।
पति को पूरे कपड़े भी उतारने नहीं देती। जहाँ पर रजनी बेडरूम में आने के पश्चात अपने कपड़े खुद उतार कर चद्दर में घुस जाती थी। ...
उसे एक बात हमेशा खटकती थी कि, अपना वजन मुख्य क्रिडा में पत्नी पर डालने से पत्नी को तकलीफ होती होगी। फिर उसने एक आसन ढूंढ कर निकाला।
पत्नी जब घडी के सुई के साढे बारह की पोजीशन में सोई हुई है, तो खुद सवा नौ की पोजीशन में सोता था। फिर पत्नी को दोनों पैर घुटने में मोड़ने के लिए कहता था। और अपने खुद के लेफ्ट हाथ के साईड आ कर...
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