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हरियाणवी जिंदाबाद! (हरियाणवी: लघुकविता, साझा-संग्रह) (eBook)

Type: e-book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹149
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

"हरियाणवी जिंदाबाद!"
परिचय: "हरियाणवी जिंदाबाद!" एक अनूठा लघुकविता संग्रह है, जिसमें हरियाणवी भाषा, संस्कृति और विरासत का भरपूर समावेश किया गया है। यह कृति हरियाणवी साहित्य को एक नई दिशा प्रदान करती है और इसे साहित्यिक प्रयोगों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है। इस पुस्तक का उद्देश्य हरियाणवी भाषा की समृद्धि को उजागर करना और लघुकविता के माध्यम से हरियाणवी जनजीवन की झलक प्रस्तुत करना है।
पुस्तक की विशेषताएँ:
• हरियाणवी भाषा का प्रयोग: संकलन में समस्त कविताएँ हरियाणवी भाषा में लिखी गई हैं, जो इसकी मौलिकता को दर्शाती हैं।
• विषय की विविधता: संग्रह में हरियाणवी संस्कृति, रहन-सहन, बोलचाल, आभूषण, पशु-पक्षी, घरेलू जीवन आदि विभिन्न पहलुओं को समाहित किया गया है।
• कवियों का योगदान: इस पुस्तक में 24 प्रसिद्ध हरियाणवी लघुकविताकारों ने योगदान दिया है, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से हरियाणवी जनजीवन का सजीव चित्रण किया है।
• अनूठे प्रयोग: यह संग्रह हरियाणवी भाषा में...

About the Author

लघुकविता आज के परिवेश में प्रचलित विधा हो गई है। इसका कारण है कि आज युवावर्ग, बाल, वरिष्ठ सभी अपने कार्यों में इतना व्यस्त है कि वे समय नहीं दे पाते, वे बड़ी विधा को पढ़ सके और मनन चिंतन कर सके, लेकिन क्योंकि साहित्य जीवन का पर्याय है, जीवन से जुड़ा रहता है इसलिए साहित्य के बिना हम संवेदनाओं और अनुभूतियों से दूर हो जाते हैं। इसलिए लोग पढ़ते तो हैं, पाठक तो हैं लेकिन उन्हें समय कम है। इसलिए लघुकविता लघुनाटक लघुउपन्यास आदि विधाए प्रचलित हो गई।
लघुकविता पर बहुत से विद्वानों ने प्रयोग किए, ऐसी बात नहीं है कि यह नई विधा है लेकिन फिर भी आज के दौर में कई लोगों ने काफी मेहनत की है, जिनके परिणामस्वरुप यह हुआ कि एक नया युग और रूप लघुकविता का हमारे सामने आया।
जहां तक हमने लघुकविता पर चिंतन मनन किया है और अपने सहयोगियों से विचार विमर्श...

Book Details

Publisher: Sjain Publication
Number of Pages: 129
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

हरियाणवी जिंदाबाद! (हरियाणवी: लघुकविता, साझा-संग्रह)

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