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स्वप्नदोष क्या होता है ?
रात को सोते समय सपने में वीर्य का निकल जाना ही स्वप्नदोष कहलाता है। स्वप्नदोष को हम नाइटफाल, नाइट डिस्चार्ज या नाकटरनल एमिशन कहते हैं।
स्वप्नदोष के कारण -
हमेशा ही सुंदर लड़कियों के बारे में सेक्स की बातें करते रहना अथवा अपने आपको उसी के बारे में सोचते रहना। किसी भी खुबसूरत लड़की को देखकर यह सोचते रहना कि काश वह लड़की प्रेमिका या पत्नी बन जाए। यही सोचते हुए अपने मन में उत्साह जगाना। सोने से पहले रात को बिस्तर पर काफी देर तक उसी लड़की के बारे में सोचते रहना तथा उसी के बारे में विचार करना और फिर उसके बाद सो जाना। रात को सो जाने के बाद सपने में उसी लड़की का आपकी स्त्री या प्रेमिका बनकर आना, उसके साथ छेड़छाड़ करना और उससे संभोग करने के बारे में सोचना और इसी तरह के बारे में सोचते हुए वीर्य का निकल जाना ही स्वप्नदोष के कारण होते हैं।
स्वप्नदोष का नुकसान -
इस रोग से ग्रस्त रोगी का शरीर कमजोर हो जाता है। चेहरे की चमक खत्म हो जाती है। रात मे सोते समय ही वीर्य निकल जाता है। भूख की कमी, बैचेनी, बुखार, हाथ-पैरों के तलवे में जलन, वीर्य का पतला पन, आलस्य, कमर में दर्द, स्वरभंग, नजर का कमजोर होना आदि लक्षण दिखाई देने लगता है।
स्वप्नदोष का इलाज -
घेरेलु इलाज - बादामः 1 पीस बादाम गिरी, थोड़ा सा मक्खन तथा 3-3 ग्राम गिलोय- इन सभी को बराबर की मात्रा में मिलाकर इसमें 7-8 ग्राम शहद मिलाकर एक समान भाग बना लें। इस मिश्रण को 8 से लेकर 10 दिनों तक सुबह और शाम के समय प्रयोग करने से स्वप्नदोष के रोग समाप्त हो जाते हैं।
आयुर्वेदिक दवा व टेबलेट द्वारा इलाज-
शतावर, मूसली, विदारीकन्द, असगंध, गोखरू या इलायची के बीज इनमें से 2-3 वनौशधि को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर पीसकर रख लें, और मिश्री को मिलाकर 3 ग्राम पानी के साथ पीने से लाभ होता है।
पंतजलि, डाबर, हिमालय और बैद्दनाथ की दवाओ को लेने से लम्बे समय तक आराम नही मिलता, इसलिए घेरेलु उपायो से ही पक्का इलाज करना चाहिये ।
होम्योपैथिक मेडिसिन, टेबलेट द्वारा इलाज -
स्टैफिसैग्रिया :- अधिक हस्तमैथुन करने के कारण रोगी को कमजोरी आ जाती है। रोगी व्यक्ति हमेशा अश्लील बातें सोचता रहता है। रात को स्वप्नदोष हो जाता है। चेहरा उदास व मुर्झाया रहता है। आंखों के चारों ओर काले निशान बन जाते हैं। पीठ कमजोर हो जाती है एवं उसमें दर्द होता है। मैथुन के बाद रोगी हांफने लगता है और कभी-कभी सेक्स सम्बंधी मानसिक पागलपन भी उत्पन्न होता है। ऐसे लक्षणों में रोगी को स्टैफिसैग्रिया औषधि की 30 शक्ति का सेवन करना चाहिए।
नैचुरोपैथी थैरेपी से इलाज -
स्वप्नदोष रोग से पीड़ित रोगी को सुबह के समय में शौच करना चाहिए तथा इसके बाद अपने पेड़ू तथा जननेन्द्रिय पर मिट्टी की गीली पट्टी 45 मिनट तक लगानी चाहिए, इसके बाद कम से कम 10 मिनट तक कटिस्नान करना चाहिए। इसके बाद दोपहर के समय में अपने रीढ़ पर कपडे़ की गीली पट्टी 30 मिनट के लिए रखना चाहिए। फिर रोगी को दूसरे दिन 10 मिनट तक मेहनस्नान करना चाहिए। इस प्रकार कुछ दिनों तक उपचार करने से स्वप्नदोष रोग ठीक हो जाता है।
योगा से इलाज -
स्वप्नदोष रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को सुबह तथा शाम को सर्वांगासन, शीर्षासन,अंगूठापादासन, धनुरासन तथासर्पासन करना चाहिए और दिन में दो से तीन बार गहरे सांस का व्यायाम करना चाहिए। यह क्रिया यदि रोगी व्यक्ति प्रतिदिन करें तो उसका स्वप्नदोष रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
संक्षेप में, स्वप्नदोष से मुक्ति दिलाने में यह बुक आपके लिए किसी दवा मेडिसिन और टेबलेट से कम नही है । इसकी सहायता से आप घर बैठे अपना इलाज खुद कर सकते है, बिना किसी साइट इफैक्ट के । अगर आपको स्वप्नदोष होता है तो इसका स्थायी इलाज के लिए एक बार इस उपयोगी पुस्तक को अवश्य पढिएगा ।
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