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अभिव्यक्ति के अनेकों तरीके है और संवेदनाओ की अभिव्यक्ति हमेशा स्नेह के शब्दों में लिपी- पुती होती है. जीवन भावनाओ, तथ्यों, जज्बातों, घटनाओं और अपनेपन के तानेबाने के इर्दगिर्द घूमता है और इसी तानेबाने को मैंने कविता की इस माला में पिरोने को कोशिश की है. यूँ तो कविता लेखन की शुरुआत बचपन में कब हुई ये याद तो नहीं पर जब जब जीवन में मै संवेदनाओ को व्यक्त करने मै कठिनाई हुई मन की कलम ने उन सम्वेदनाओं को पढ़ लिया और उन्हें लिख डाला.
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