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नचिकेता नामक बालक को उसके पिता ने क्रोध में मृत्यु अर्थात यमराज को दान कर दिया। ऐसा माना जाता है कि नचिकेता शरीर सहित ही यमराज के घर पहुँच गया।
यमराज बाहर गए थे इसलिए बालक तीन दिन तक बिना कुछ खाए पीएँ उनकी प्रतीक्षा करते रहा। इन रातों के बदले यमराज ने उसे तीन वरदान दिए। नचिकेता ने इन वरदानों में पिता के लिए प्रसन्नता, अग्नि विद्या, आत्म तत्व और परमात्मा के बारे में ज्ञान प्राप्त किया, मृत्यु के बाद क्या होता है, यह भी जाना।
इस तरह के ऐतिहासिक ज्ञान से परिपूर्ण है यह पुस्तक।
हिन्दु दर्शन के प्राचीन ज्ञान व ग्रंथ कठोपनिषद पर आधारित है यह कृति।
Re: नचिकेता मृत्युदेव संवाद (e-book)
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