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आप ये किताब पढ़िए, निसन्देह आपको इसमे पढ़ने में कोई खास मजा नहो आएगा, इसमे कोई मनोरंजक बात नही है, इसमे हमारे अपने समाज देश से जुड़ी समस्याएं और उनके इलाज है, जैसे दवा कड़वी होती है वैसे ही ये किताब भी बेस्वाद और कड़वी सी है, हैं पर ये मैं पूरे विस्वास स कह सकता हूँ कि जो रामबाण इलाज मैंने यहां सुझाये हैं वैसे शायद ही आपको कहीं और मिले, हर समस्या को बड़े इत्मिनान से बताने की कोशिश की है मैंने इसमे, और उसी तरह से हरेक समस्या का जमीनी हल बताया है कि ये सब तो करना ही पड़ेगा, ये नारे लगाने भर से कुछ नही होने वाला है, कुछ तो अलग करना ही पड़ेगा, और वो हो अलग इसमे बताने की कोशिश की है।
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