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हरे हरे (eBook)

अनुप्रास अलंकार में हिन्दी की सबसे लम्बी कविता
Type: e-book
Genre: Poetry
Language: Hindi
Price: ₹49
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

नमस्कार दोस्तों मैं हूँ आपका अपना दोस्त निशान्त कुमार सक्सेना और मेरे द्वारा हिन्दी भाषा में अनुप्रास अलंकार की सबसे लम्बी लिखी कविता को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। यह कविता एक विश्व रिकॉर्ड है जिसे मैंने रिकॉर्ड बुक्स को भेजा है। इस कविता "हरे हरे" के सभी शब्दों को मैंने "ह" से प्रारम्भ किया है और इस कविता में 430 शब्दों को प्रयोग किया गया है जो अनुप्रास अलंकार का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

About the Author

लेखक के विषय में:-
असि. प्रोफेसर निशान्त कुमार सक्सेना (पार्थ), यूजीसी नेट, एम० ए०, एम०बी०ए एवं ग्यारह शैक्षिक उपलब्धियाँ, (प्राध्यापक, लेखक, रिसर्चर, समाजसेवक)

पुरस्कार तथा सम्मान:-
माननीय प्रधानमंत्री जी के सानिध्य में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय, एन०आई०ए आयुष मंत्रालय,उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान समेत शिक्षा तथा साहित्य में 23 पुरस्कार तथा सम्मान।

प्रकाशित रचनाएँ:-
पार्थ के बाण, विचारों के अस्त्र, विश्व गुरु बनना है तो, मनुहार, नारी तू नारायणी कविता "भारत महान" ("साहित्य भारती" पत्रिका उ.प्र. सरकार)

पता:- 112, मोहल्ला- तहवर गंज, पोस्ट- मीरानपुर कटरा, शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश, पिन -242301
E-mail: nishantdasparth777@gmail.com

Book Details

Publisher: Swami Vivekanand Sanskruti Samiti
Number of Pages: 34
Availability: Available for Download (e-book)

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