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₹ 190
इसका नॉवेल का नाम सुन्नैर नैका है. जैसा कि उपन्यास के नैरेटर सुरपति राय कहते हैं, चाहें तो आप लोग इसे सुंदरी नायिका भी कह सकते हैं, मगर जो रस सुन्नैर नैका में है सुंदरी नायिका में कहां... इसलिए मैंने भी इसका नाम सुन्नैर नैका ही रखा है. वह एक हवेली की राजकुमारी है जो अपने इलाके में हरियाली वापस लाने के लिए बहुत बेचैन है. करीब चार सौ साल पुरानी इस लोक कथा में कोसी नदी के दिशा बदलने और उसके कारण अररिया इलाके के एक बड़े क्षेत्र के अचानक परती में बदल जाने का जिक्र है. इसकी कहानी हम रेणुजी के प्रसिद्ध उपन्यास परती परिकथा में पढ़ चुके हैं. वस्तुत: इस लोक कथा का जिक्र भी उसी महान पुस्तक परती-परिकथा में है, उसे मैंने इस नॉवेल में इनलार्ज किया है. एक दंता राकस है जो अपने हजार साथियों के साथ उस इलाके में कुंडों की खुदाई के...
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