You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
दोस्तो हमारे इर्द-गिर्द हर रोज न जाने कितनी ही घटनाएं घटती है जो कि न केवल हम पर अपितु हमारे जीवन पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं और कई बार तो हमारे जीवन की दिशा ही बदल देती हैं, न जाने कितने ही सबालों को यह घटनाएं हर रोज जन्म देती हैं और यही सबाल हमारे अंदर एक अजीब सी घुटन व बेचैनी पैदा करते हैं और जब तक हम इनकों दूसरों के साथ नहीं बांटते तब तक यह हमें अंदर ही अंदर तंग करते रहते हैं!
आज मैंने भी इन काव्य रचनायों के जरिए अपने अंदर पैदा होने बाली इस घुटन को आप सबके साथ बांटने का सोचा है, हालांकि यह मेरा पहला संस्करण है और मैं कोई बहुत बड़ा या प्रतिष्ठित लेखक नहीं हूँ क्यूंकि लिखने वाले तो सोच के समंदर में डूबकर मोती निकाल लेते हैं या यूं कहें कि पूरे जहां के दर्द को एक कौरे कागज़ पर उतार देते हैं!
कहते है समाज को हर किसी ने अपने दर्द के अनुसार देखा है और उसे बोलकर, लिखकर, गाकर या नाटक जैसे अभिव्यक्ति के माध्यमों से प्रस्तुत किया है! “सच की तरफ मेरा पहला कदम” मेरी कोशिश है आप सब से जुड़ने की और आपसे गुफ्तगुह करने की ! दोस्तो मैंने कभी भी नहीं सोचा था की मैं कुछ लिखूंगा लेकिन मुझे पता ही नहीं चला की कब यह खंज़र मेरा दोस्त बन गया और कब इसे चलाना मेरा शौक बन गया!
यह सच है कि कुछ लिखने के लिए समाज को समझना जरूरी है और समाज को समझने के लिए उस हर छोटी-सी- छोटी इकाई या चीज़ को समझना पड़ता है जो हमसब को जोड़कर समाज का निर्माण करती है, इसलिए मैंने भी इन काव्य रचनायों के माध्यम से समाज के प्रति अपने दृष्टिकोण को आपके साथ सांझा करने की एक पहल की है!
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book सच की तरफ मेरा पहला कदम.