You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution

Add a Review

बहुतकनीकी जैविक खेती एवं वर्षा जल संग्रहण के मूलभूत आधारस्तंभ (eBook)

एक खुशहाल एवं विकासशील गाँव की कहानी, एक पर्यावरणप्रेमी योगी की जुबानी
Type: e-book
Genre: Engineering, Home & Garden
Language: Hindi
Price: ₹0
Available Formats: PDF

Description

यह पुस्तक तीन पुस्तक भागों को मिलाकर बनी है। प्रथम भाग में केंचुआ-पालन व जैविक खाद से सम्बंधित व्यावहारिक/स्वानुभूत जानकारी है। द्वितीय भाग में पोलीहाऊस व उसमें उगने वाली फसलों की खेती से सम्बंधित व्यावहारिक/स्वानुभूत जानकारी है। पुस्तक के तृतीय भाग में वर्षाजल संग्रहण से सम्बंधित समस्त जानकारी व्यावहारिक व स्वानुभूत रूप में उपलब्ध है। इस पुस्तक के उन तीनों भागों के नाम निम्नलिखित हैं-
1) भाग-1 केंचुआ पालन- एक अध्यात्म-मिश्रित भौतिक शौक
2) भाग-2 पोलीहाऊस खेती- एक अध्यात्म-मिश्रित भौतिक शौक
3) भाग-3 वर्षाजल संग्रहण- एक अध्यात्म-मिश्रित भौतिक शौक
लेखक ने अपने जीवन के बहुमूल्य वर्षों को प्रकृति के बीच में बिताया। उस दौरान उन्होंने केंचुआ-आधारित जैविक खेती, पोलीहाऊस आधारित खेती, और वर्षाजल संग्रहण के सम्बन्ध में गंभीर अध्ययन किया, व उन्हें वैज्ञानिकता के साथ समग्र रूप में अपनाकर बहुत से प्रेक्टिकल तजुर्बे हासिल किए। अपने उन्हीं अनुभवों को लेखक ने एक आत्मकथा के रूप में, सुन्दरता के साथ इस पुस्तक में प्रकट...

About the Author

प्रेमयोगी वज्र का जन्म वर्ष 1975 में भारत के हिमाचल प्रान्त की वादियों में बसे एक छोटे से गाँव में हुआ था। वह स्वाभाविक रूप से लेखन, दर्शन, आध्यात्मिकता, योग, लोक-व्यवहार, व्यावहारिक विज्ञान और पर्यटन के शौक़ीन हैं। उन्होंने पशुपालन व पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी प्रशंसनीय काम किया है। वह पोलीहाऊस खेती, जैविक खेती, वैज्ञानिक और पानी की बचत युक्त सिंचाई, वर्षाजल संग्रहण, किचन गार्डनिंग, गाय पालन, वर्मीकम्पोस्टिंग, वैबसाईट डिवेलपमेंट, स्वयंप्रकाशन, संगीत (विशेषतः बांसुरी वादन) और गायन के भी शौक़ीन हैं। लगभग इन सभी विषयों पर उन्होंने दस के करीब पुस्तकें भी लिखी हैं, जिनका वर्णन एमाजोन ऑथर सेन्ट्रल, ऑथर पेज, प्रेमयोगी वज्र पर उपलब्ध है। इन पुस्तकों का वर्णन उनकी निजी वैबसाईट demystifyingkundalini.com पर भी उपलब्ध है। वे थोड़े समय के लिए एक वैदिक पुजारी भी रहे थे, जब वे लोगों के घरों में अपने वैदिक पुरोहित दादा जी की सहायता से धार्मिक अनुष्ठान किया करते...

Book Details

Number of Pages: 57
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

बहुतकनीकी जैविक खेती एवं वर्षा जल संग्रहण के मूलभूत आधारस्तंभ

बहुतकनीकी जैविक खेती एवं वर्षा जल संग्रहण के मूलभूत आधारस्तंभ

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Other Books in Engineering, Home & Garden

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.