You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
"ख़याल" ... मेरे अपने ! – ये लगातार बहते हुए ख़यालात का एक संकलन है, जो रुकने का नाम नहीं लेते। इस पोस्ट को लिखते हुए भी नए-नए ख़यालों की लहरें दस्तक दे रही हैं। अगर आपने ज़िंदगी में हर छोटी-बड़ी बात को गहराई से महसूस किया है, तो आप भी समझेंगे कि हमारी नज़र में जो कुछ भी आता है – घटनाएँ, परिस्थितियाँ, व्यवहार, रिश्ते, प्रकृति – सबमें एक अर्थ छुपा होता है। और ये सूची कभी ख़त्म नहीं होती, जैसे ख़यालात की रवानी भी कभी रुकती नहीं।
मैं इन ख़यालों के मोतियों को आपकी ख़िदमत में पेश कर रहा हूँ, आप इन्हें अपने तरीके से पढ़ें और समझें। आख़िर में एक गुज़ारिश – अपने विचारों का भी एक ख़ज़ाना संजोएँ, उन्हें कलमबंद करें, और छपवाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करें।
Wow
Your book is truly a masterpiece that resonates deeply with the soul. The way you have woven real-life experiences into poetic verses is both profound and inspiring. Each poem feels like a mirror reflecting the shared struggles, joys, and growth we all experience in life. Your ability to capture emotions so authentically makes your work not only relatable but also transformative for the reader.
Thank you for sharing your "Khayal" with the World