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अवाँछित
प्रोफेसर राजकुमार शर्मा
यह एक ऐसी लड़की की कहानी है जो अपने माता-पिता के साथ होते हुए भी उनसे दूर रहने को मजबूर है।
एक ही घर में होते हुए भी वो उदास लड़की छत के कमरे में एक छोटी सी दुनिया बना लेती है!
उस लड़की का संघर्ष और उसकी जिंदगी के गम जरूर आपकी भी आंखों में आंसू ला देंगे, और आप बहुत कुछ सोचने पर मजबूर हो जाएंगे!
बाकी भाई बहनो को बाप माँ दोनों का बहुत प्यार मिलता था लेकिन वो लड़की अकेले में आंसू बहाती रहती थी क्योंकि वो अपने अन्य भाई बहनो की तरह गोरी नहीं थी!
ये रंग भेद की एक ऐसी कहानी है जो घर में ही घटित होती है लेकिन समय के दौरान उस गेहूँ के रंग वाली लड़की को अनाथालयों में पलकर बड़ी होने को मजबूर कर देती हैं! वो जीवन के १७ वर्षो तक ये नहीं समझ पाती है के उसका अपराध क्या है और लोग उससे क्यों घृणा करते है!
तो आइए चलते हैं उस अकेली और उदास लड़की की कहानी की दुनिया में!
धन्यवाद
प्रोफेसर राजकुमार शर्मा
तालिका
अध्याय एक
अध्याय दो
अध्याय तीन
अध्याय चार
अध्याय पांच
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