You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
एक, दो, तीन... (रहस्य)
प्रोफेसर राजकुमार शर्मा
दोस्ती, परिवार, मोहब्बत, रोमांस, झगड़ों, तलाक, और हत्या की एक ऐसी कहानी है जो आपको शुरू से अंत तक बाँध कर रखेगी!
जगह जगह मुंह मारने वाले पति की हकीकत जब पत्नी को मालूम चलती है तो वो परेशान तो होती ही है पर वो पति को छोड़ना नहीं चाहती है, लेकिन उसके पति के दिमाग में तो कोई और ही खेल चल रहा होता है...
रहस्य पर से पर्दा तब उठेगा जब आप कहानी को पूरा पढ़ लेंगे! तो आइये आपको हमारी इस रहस्य, प्रेम, रोमांस, विश्वासघात, और हत्या की दुनिया में ले चलते हैं!
शुभकामना
प्रोफेसर राजकुमार शर्मा
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book एक, दो, तीन... (रहस्य).