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कितने ख्वाब कितने सपने (कहानियाँ)
प्रोफेसर राजकुमार शर्मा
लम्बे उपन्यास एक ऐसी दुनिया की तरह होते हैं जिसमें एक छोटी सी लेखक की दुनिया होती हैं जिसमें आप प्रवेश करते हैं और लेखक के शब्दों के पीछे पीछे चलते हैं और फिर कुछ दिनों या कुछ हफ़्तों में उस उपन्यास को पूरा पढ़कर बाहर अपनी दुनिया में आ जाते हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं के लेखक की वो छोटी सी काल्पनिक दुनिया आपके दिमाग में एक छोटी सी जगह बना लेती है और शायद जीवन भर ही आपके साथ चलती है, पर छोटी कहानियों की दुनिया बहुत ही छोटी और क्षणिक होती है। कहानियों की दुनिया में आपको विभिन्न स्वाद और रंग मिलते हैं।
हम ये नहीं कह रहे के उपन्यास और छोटी कहानियों में से आपको किसी एक को अच्छा या बेहतर कहना है, हम तो सिर्फ ये कह रहे हैं के उपन्यास की दुनिया छोटी कहानियों...
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