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द ब्लुएस्ट आई (साराँश)
प्रोफेसर राजकुमार शर्मा
नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकी लेखिका टोनी मॉरिसन के द्वारा लिखित उपन्यास "द ब्लुएस्ट आई" पहली बार 1970 में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास को लिखते समय, टोनी मॉरिसन हावर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ा रही थी और अपने दो बेटों की परवरिश खुद अकेली ही कर रही थी।
कहानी में लगभग एक वर्ष की समयावधि शामिल है; यह पेकोला नाम की एक युवा अश्वेत (काली अफ्रीकन अमेरिकन) लड़की के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी अमेरिका में ग्रेट डिप्रेशन (महामंदी) के बाद की समय अवधि में सेट की गई है।
पेकोला उस अवधि में अमेरिका के मिडवेस्ट की पृष्ठभूमि में, लोरेन, ओहियो में, उसके काले रंग के कारण एक हीन भावना से ग्रस्त होने लगती है।
कहानी के कुछ हिस्सों की वर्णनकर्ता क्लाउडिया मैकटीयर है। कहानी उसके नजरिए से वर्णित की गई है, पहले एक बच्चे के रूप में और फिर एक वयस्क के रूप में। कहानी एक तीसरे व्यक्ति के सर्वज्ञ दृष्टिकोण से भी वर्णित की गयी है।
पुस्तक को कई स्कूलों और पुस्तकालयों से प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि यह नस्लवाद, अनाचार और बाल उत्पीड़न जैसे विषयों की विवादास्पद प्रकृति से संबंधित है।
इस उपन्यास की कहानी मुख्यतः एक अश्वेत सांस्कृतिक परंपरा का भाग है, लेकिन ये अश्वेत साहित्य के एक विशिष्ट पक्ष को प्रस्तुत करती है।
लेखिका ने गद्य में अश्वेत संगीत परम्पराओं का भी समावेश किया है। भाषा स्थानीय अश्वेत लोगों के द्वारा बोली जाने वाली भाषा है, जिसमें ऐसे मुहावरों और शब्दों का प्रयोग किया गया है जो उस इलाके में बोली जाती थी जहां लेखिका पैदा हुई थी और बड़ी हुई थी।
अपने गद्य के बारे में बोलते हुए, टोनी मॉरिसन का कहना है कि उनका गद्य "जाति-विशिष्ट होते हुए भी जाती-मुक्त गद्य" है।
"द ब्लुएस्ट आई" लिखना समाप्त करने के बाद, मॉरिसन ने उपन्यास लिखने में अपने लक्ष्य को समझाने की कोशिश की है। वह यह स्पष्ट करती है कि आंतरिक नस्लवाद एक युवा लड़की को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है जो एक समुदाय की सबसे कमजोर सदस्य होती है।
लेखिका पीड़ित लड़की की गरिमा को अक्षुण रखने में सफल रहती है, और वह उन लोगों को अमानवीय बनाने का कोई प्रयास नहीं करती है जो उसको नुकसान पहुंचाते हैं।
वह कहती है दुष्कर्म करने वाले लोगों के बारे में बुरा लिखना गलती को दोहराना होगा। अनेक दृष्टिकोणों का उपयोग काफी सोच-समझकर किया गया है क्योंकि कथा विभिन्न पात्रों के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है।
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