प्रधान संपादक बाबूलाल द्विवेदी, जिनकी बुंदेली काव्य की एक पुस्तक "भइया अपने गांव में" प्रकाशित हो चुकी है । इससे पूर्व प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की १५० वीं वर्षगांठ पर "बानपुर विविधा " प्रकाशित हुयी ,जिसका संशोधित ईरूप ही यह पुस्तक है । ई रूप में आपकी बुंदेली गीतगोविंद (जयदेव कृत गीतगोविंदम् का बुंदेली पद्यानुवाद) प्रकाशित है ।
संपादक डा राकेश नारायण द्विवेदी
जन्म तिथि एवं स्थान : चार जुलाई सन् तिहत्तर, ललितपुर
शैक्षणिक योग्यता : एम ए हिंदी, नेट जे आर एफ, पी-एच.डी
पद : सहायक प्रोफेसर (वरिष्ठ वेतनमान) स्नातकोत्तर हिंदी विभाग
संस्था का नाम : गांधी महाविद्यालय, उरई (जालौन) उ प्र
स्थायी नियुक्ति वर्ष/सेवा अवधि : सन् 2003/11 वर्ष
शोध विषय : डा राही मासूम रज़ा के उपन्यासों में पात्र परिकल्पना
विशेषज्ञता : बुंदेली साहित्य
प्रमुख कृतियां : 1- बानपुर विविधा (संपादन) 2008
2- भइया अपने गांव में (संपादन) 2011
3- स्थान-नाम : समय के साक्षी 2012
4- बुंदेली गीतगोविंद (संकलन, संशोधन व प्राक्कथन), ई रूप में 2014
5- राही मासूम रज़ा और उनके औपन्यासिक पात्र, ई रूप में 2014
6- बानपुर और बुंदेलखंड (बानपुर विविधा का संशोधित संस्करण) ई रूप में 2014
पुरस्कार : 'भइया अपने गांव में' के लिये : 1- अवधेश पुरस्कार, 2- अखिल भारतीय बुंदेली साहित्य एवं संस्कृति पुरस्कार, 3- काशीराम वर्मा स्मृति पुरस्कार, विश्व हिंदी सेवी सम्मान (2013 में विश्व हिंदी मंच द्वारा सिल्पाकार्न यूनिवर्सिटी बैंकाक में )
पत्राचार का पता : 245, शब्दार्णव, नया पटेल नगर, कोंच रोड, उरई
मोबाइल : 9236114604
ईमेल : rakeshndwivedi@gmail.com