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बुंदेली गीतगोविंद (eBook)

जयदेव कृत गीतगोविंदम् का बुंदेली पद्यानुवाद
Type: e-book
Genre: Literature & Fiction
Language: Hindi
Price: ₹200
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

बुंदेली में गीतगोविंद अभी तक आया नहीं था, जिसकी लहरी में विद्यापति, सूरदास और अष्टछाप के मूर्धन्य साहित्यकारों का अभ्युदय हुआ। हिंदी साहित्य का स्वर्णयुग माने गए भक्तिकाल का एक बड़ा हिस्सा गीतगोविंद की भावभूमि पर ही अवलंबित है। गीतगोविंद में श्रंगार और भक्ति का जो मणिकांचन संयोग हुआ है, उसे किसी अन्य बोली या भाषा में उतारना कवि के लिए अत्यंत दुष्कर है। भक्ति के विविध प्रकार हैं। भक्ति श्रंगार की ही अन्य रूप है और इसीलिए गीतगोविंद मुख्य रूप से श्रंगारी रचना है। इसमें श्रंगार रस के जिन संचारी भावों का वर्णन हुआ है, उसे किसी व्यक्ति द्वारा अभिव्यक्त करना भी लोकरीति के अनुकूल नहीं समझा जाता। गीतगोविंद के कवि जयदेव ने सैकड़ों-हजारों वर्ष पूर्व अपने इष्ट राधा-कृष्ण के रास-रूप के अंग-प्रत्यंग, भाव-अनुभाव को जो वाणी दी, उसे आज का समाज प्रचलित लोकरीति के कारण व्यक्त नहीं करता। अनुवादक ने इस लोकरीति का निर्वाह अपने उपास्य-उपासक भाव...

About the Authors

भौतिकवादी संस्कृति की चकाचौंध के बीच साहित्य में रमना जितनी बड़ी साधना है, उससे बड़ी साधना लोक-भाषा के साहित्य की साधना करना है, क्योंकि इसमें व्यापक ख्याति मिलना अत्यंत दुर्लभ होता है। साहित्यकार को एक छोटे से दायरे में सीमित रह जाने का क्षोभ रहता है, अतिसीमित संसाधनों में रहकर इसका प्रकाशन विरल होता है, क्योंकि क्षेत्रीय भाषा में गंभीर पाठकों का अभाव जो होता है। बुंदेली लोक भाषा में जो साहित्य रचा जा रहा है, उसके प्रोत्साहन और साहित्यकारों का उत्साहवर्धन करने वाले व्यक्ति और संस्थाएं इस अंचल में कार्य कर रही हैं।

​राजनीतिक रूप से देश के दो बड़े प्रांतों में विभक्त, किंतु सांस्कृतिक इकाई के रूप में चिर-परिचित बुंदेलखंड की संस्कृति और समाज पर पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव अभी भी उतना नहीं पड़ सका है, जितना अन्य बोली-क्षेत्रों के समाजों पर। कदाचित् विकास के आधुनिक पैमानों पर खरा न उतरने के कारण ही इस क्षेत्र...

Book Details

ISBN: 9788190891240
Publisher: जानकी प्रकाशन, रावतयाना कैलगवां बायपास चौराहा, ललितपुर मो 9838303690
Number of Pages: 156
Availability: Available for Download (e-book)

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