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अकेला छोड़ दिया
मोहिनी कुमार
तालिका
फ़ोन कॉल
गोविन्द की पत्नी
गोविंद के घर
बिछड़ना
डायरी
शादी
तड़प
तीसरा साथी
दो शब्द
प्यार की ये एक बहुत ही अनूठी कहानी है जिसमें स्त्री और पुरुष के सम्बन्ध से ऊपर उठकर प्यार को एक अलग ही दृष्टिकोण से समझने की कोशिश की गयी है।
दो दोस्तों की एक ऐसी कहानी जिसमें औरत होते हुए भी नहीं थी क्योंकि उन दो दोस्तों का आपस का प्यार स्त्री पुरुष या स्त्री स्त्री या पुरुष पुरुष के बीच के शारीरिक और आत्मिक रिश्तों से बहुत ऊपर था।
पचास वर्ष लम्बी दोस्ती एक ऐसे मोड़ पर आ जाती है जहां अचानक एक दोस्त को उस रहस्य की जानकारी मिलती है जिसके बारे में उसने कभी कल्पना तक नहीं की थी!
शुभकामना
मोहिनी कुमार
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