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आखिर बिक गयी (eBook)

Type: e-book
Genre: Literature & Fiction, Entertainment
Language: Hindi
Price: ₹25
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

आखिर बिक गयी

मोहिनी कुमार

ये एक ऐसी बेटी की कहानी है जो होश न सँभालने तक अपनी माँ को ही अपनी दुनिया समझती थी और उसकी हर ख़ुशी उसकी माँ से ही शुरू होकर माँ में ही अंत होती थी।

बिना बाप की बेटी अपनी माँ के साथ ही उस छोटे से घर में रहती थी जिसमे ना तो कोई मेहमान और ना ही कोई रिश्तेदार आते थे।

बेटी हैरान होती थी के जब दुनिया के लोग अपने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ तीज त्यौहार मना रहे होते थे तो वो दोनों माँ बेटी अपने घर में ही क्यों रहती थी और कोई उनको अपने घर क्यों नहीं बुलाता था।

जब उस बेटी पर उसकी माँ का रहस्य खुला तो उसकी तो जैसे दुनिया ही उजड़ गयी और उसने एक ऐसा कदम उठा लिया जो अपराध और पाप तो था ही, उसकी दुनिया उजाड़ देने वाला था।

जिस कारण से उसने वो अपराध किया था वही अपराध उसको घर से दूर लेजाकर उसको वो करने को मजबूर कर दिया जिसके कारण उसने अपने घर से दूर जाने का निर्णय लिया था।

ये मार्मिक कहानी अगर आपकी आँखों में आंसू नहीं लाएगी तो कम से कम आपके दिल में एक टीस तो जरूर छोड़ देगी।

शुभकामना

तालिका

आखिर बिक गयी
कॉपीराइट
तालिका
दो शब्द
आखिर बिक गयी
वो अँधेरी गली
यादों की गली में
समय के साथ
माँ बेटी
जवान हो गयी
अपराध
फिर अँधेरी गली

Book Details

Publisher: Raja Sharma
Number of Pages: 28
Availability: Available for Download (e-book)

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आखिर बिक गयी

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