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कोष्टक
मोहिनी कुमार
मिलने, बिछुड़ने, सुखद, और दुखद अंत वाली आपने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी होंगी। और इसमें कोई संदेह नहीं है के बहुत सी कहानियाँ अब भी आपके दिमाग के किसी कोने में सुरक्षित होंगी, लेकिन जो कहानी अब आप पढ़ने जा रहे हैं उसकी तो आपने कभी कल्पना तक नहीं की होगी।
एक सुन्दर मुलाक़ात, अचानक ही एक नए शहर में, किस तरह से दो अजनबियों को पास ले आती है के जब उनके अतीत के परदे खुलते हैं तो दोनों ही एक वर्षो पुरानी पहेली के पात्र बन जाते हैं और फिर अपनी राह बना लेते हैं ये इस कहानी की मुख्य विषयवस्तु है।
लेकिन कहानी की तह तक पहुँचने के लिए आपको इसे अंत तक पढ़ना होता, अंतिम पंक्ति तक क्योंकि कहानी का सार अंतिम भाग में ही है! तो चलिए अब तैयार हो जाइये हमारी इस छोटी सी दुनिया में प्रवेश करने के लिए!
शुभकामना
मोहिनी कुमार
तालिका
कोष्टक
Copyright
तालिका
कोष्टक
होटल ताज
अजनबी
उसके साथ
खरीदारी के बाद
मुलाक़ात के बाद
वो वार्तालाप
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