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कॉफ़ी के दो प्याले
राजा शर्मा
राजा शर्मा जी द्वारा लिखित ये लघु उपन्यास "काफी के दो प्याले" इतने प्रेम और सच्चाई से लिखा गया है के इसका हर शब्द हर पंक्ति और हर घटना आपके हृदय को स्पर्श कर लेगी।
कॉलेज से शुरू हुआ प्रेम किस तरह एक तरफ़ा होते हुए भी दोनों की दोस्ती की पगडंडी पर उनके साथ साथ चलता है और कैसे अचानक दोनों में से एक के जीवन में कोई और आ जाता है और फिर कॉफ़ी हाउस के मेज पर दो प्यालों कॉफ़ी की जगह पर एक प्याला ही रहने लगता है एक ऐसी कहानी को जन्म देते हैं जो आपके मन मंदिर में साहित्य के देवता की मूर्ती की तरह ही अपनी स्थापना कर लेगी।
आपने बहुत सी प्रेम कहानियां पढ़ी होंगी लेकिन इस कहानी में आपको ऐसा लगेगा के आपने एक बार फिर से अपने कॉलेज के जीवन को जीना शुरू कर दिया है और हमारे पात्रों के जीवन का आप भी एक अदृश्य हिस्सा बन गए है।
हमें पूरा विश्वास है के ये कहानी हमेशा के लिए नहीं तो आने वाले कई वर्षो तक आपके दिमाग में और मन में अपना स्थान बनाये रखेगी।
शुभकामना
विषय सूची
कॉफ़ी के दो प्याले
कॉपीराइट
विषय सूची
दो शब्द
उसका गुस्सा
दूसरी लम्बी मुलाकात और बाद में
रात को, और आगे
दो महीनो के बाद
एक कप कॉफ़ी
ठगा ठगा सा मूर्ख
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