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पंखुड़ी गुलाब की (सुन्दर उपन्यास)
राजा शर्मा
जहाँ उत्कृष्ट गद्य और साफ़ सुथरे लेखन की बात आती है वहाँ राजा शर्मा का नाम अपने आप ही चला आता है। उनके लिखे बहुत से उपन्यासों ने हज़ारों पाठकों के मन में अपनी जगह बना ली है और उनके पाठकों की संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है।
"पंखुड़ी गुलाब की (सुन्दर उपन्यास)" नाम की इस पुस्तक में राजा शर्मा आपको एक अलग ही दुनिया में ले जा रहे हैं। वो दुनिया है भारत से अमरीका गयी मोहिनी और अमेरिका में ही पलकर बड़े हुए सिद्धार्थ की। इस उपन्यास में बहुत ही सरल और सजीव ढंग से उनके जीवन के उतार चढ़ावों को प्रदर्शित किया गया है। कहानी के किसी ना किसी मोड़ पर आपको ऐसा लगने लगेगा जैसे के आप उन दोनों को पहले से ही जानते हैं और आप भी उनकी कहानी का एक हिस्सा हैं।
हम ये बात यकीन से कह सकते हैं के राजा शर्मा जी के इस उपन्यास की ये कहानी आपने आज तक पढ़ी हुई सभी कहानियों से फरक है और ये कहानी आपके दिलोदिमाग पर बहुत ही गहरा प्रभाव छोड़ेगी।
तो आइये अब देरी मत कीजिये और पढ़ना शुरू कर दीजिये। हम आपको विश्वास दिलाते हैं के एक बार जब आप पढ़ना शुरू करेंगे तो अंतिम पंक्ति तक किताब को बीच में बंद नहीं करेंगे।
शुभकामनाएं!
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