You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
बिना शब्दों के
राजा शर्मा
वो एक पन्ना
डायरी के और पन्ने
अगले दिन
मैं और उसकी सहेली
वापिस स्कूल में
शब्द बदल गए
आगे के दिनों की सुँदरता
डायरी एक बार फिर से
इस उपन्यास में राजा शर्मा जी ने एक बहुत ही साफ़ सुथरी प्रेम कहानी अपनी सरल लेकिन सुन्दर भाषा शैली में प्रस्तुत की है।
"बिना शब्दों के" राजा शर्मा जी द्वारा एक ऐसा उपन्यास है जो आपके मन में उमंग के साथ साथ कई प्रश्न भी भर देगा और आप भी सोचने लगेंगे के अगर वास्तविक जीवन में भी ऐसा होने लगे तो ये दुनिया स्वर्ग ही हो जाए!
ये कहानी मुख्यतः हमारी नायिका अनुषा के इर्द गिर्द घूमती है जो बिना शब्दों के ही वो सबकुछ कह देती है जो एक लड़की कहना चाहती है।
शब्दों के बिना वो लड़की खुद को बहुत ही असहाय महसूस करती है लेकिन उसके जीवन में एक लड़के के आगमन के बाद सब कुछ तेज़ी से बदल जाता है।
आप इस कहानी को पढ़ने के बाद महसूस करने लगेंगे के हमें कभी भी कमजोर लोगों का उपहास नहीं उड़ाना चाहिए और उनको जितना हो सके प्रेम देना चाहिए। हमारी कहानी का नायक प्रेम के देवता के रूप में ही प्रकट होता है और अनुषा के जीवन में सबकुछ बदल कर रख देता है।
शुभकामना
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book बिना शब्दों के.