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रिश्ता मेरी शर्तों पर
राजा शर्मा
सुलगते शब्द
पारिवारिक दबाव
छूट गयी पिकनिक
नया विवाह प्रस्ताव
विचार और सपने
एक और प्रस्ताव ठुकराना
एक और प्रस्ताव
अँतिम जवाब
वो सहमत हो गयी
वो फ़ोन कॉल
स्वप्निल अध्याय
प्यार और प्रतिबद्धता
जिस दुनिया में सामाजिक रिश्ते हमारे संबंधों और जीवन को संचालित करते हैं उसी समाज में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो इसको चुनौती भी देते हैं।
"रिश्ता मेरी शर्तों पर" एक ऐसा लघु उपन्यास है जो परिवारों के द्वारा की गयी शादियों और परिवारों के द्वारा तय किये गए नियमो का विश्लेषण एक नए ढंग से करता है।
ये कहानी एक ऐसी लड़की के इर्द गिर्द घूमती है जो लगभग हर हफ्ते ही नए नए रिश्तों के लिए आने वाले परिवारों और उनके पूछे गए प्रश्नो से तंग आ जाती है और फिर खुद फैसला करती है के अब उसको क्या करना है।
राजा शर्मा की लेखनी से लिखा गया ये उपन्यास आपके दिल के अंदर प्रवेश करेगा और आपको बहुत कुछ सोचने पर मजबूर जरूर कर देगा। ये सिर्फ एक कहानी या उपन्यास नहीं है, ये एक ऐसा प्रमाण है जो आपको स्त्री के मनोबल और उसके अंदर छुपी हुई शक्ति के बारे में सोचने को मजबूर कर देगा।
कहानी की मुख्य नायिका नाज़नीन की ये कहानी आपके दिलो दिमाग पर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ेगी।
हमारी शुभकामनाएं!
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