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महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करती ये उपन्यास एक प्रेम कहानी पर आधारित हैi जिसमे समाज में फैले व्यापक बुराइयों पर प्रहार करती हैi यह कहानी महिला को अधिकार प्रदान करने के लिए लिखी गई है, जिसमे लड़की की बारात लड़के वालो के यहाँ जाती हैi लड़का दुल्हन के घर पर विदा हो कर आता हैI सामाजिक बंधन बीच में अड़चन बन के खड़ी होती हैI अंततः समाज में बदलाव होता है महिला को समाज में बराबर का हक़ मिलता हैI
एक आई ए एस ऑफिसर मि० अरविन्द कुमार और प्रो० संध्या कुमारी की ये प्रेम कहानी विश्वविधालय से शुरू हो कर नेपाल, थाईलैंड की राजधानी बैंकांक होते हुए दिल्ली में आकर समाप्त होती हैi ये अपने आप में एक अनोखी प्रेम कहानी हैI जिसमे महिला मुख्य पात्र में हैI समाज में महिलाओं की बराबर की भागीदारी प्रदर्शित करती ये उपन्यास बड़ी ही रोचक हैi
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