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भारत में मुगल सत्ता स्थापित होने के बाद जिस वंश ने यहां सबसे अधिक अवधि तक राज्य किया,उसे मुगल वंश के नाम से जाना जाता है।सन 1526 ईसवी में पानीपत के प्रथम युद्ध के पश्चात जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर ने यहां इसका श्रीगणेश किया, जोकि सूरर्वंश के तकरीबन 15 वर्षों को छोड़कर सन1857 ईसवी तक निरंतर सिंहासनरुण रहा।
पुस्तक 'मुगलों का अंत' में औरंगजेब के पश्चात सिंहासनरुण हुए मुगल बादशाहों की जीवनी मय प्रमुख घटनाओं के विस्तार से दी गई है।प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने इन बादशाहों के निजी जीवन व आदतों पर विस्तार से लिखा है।पतन, पराजय तथा विनाश का भी एक अपना इतिहास होता है।लेखक ने प्रस्तुत पुस्तक में इन सब को समझने का प्रयास किया है।
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