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वरिष्ठ लेखक राधेलाल बिजधावने की कविता पुस्तक 'दरख्त पर चिडिय़ा’ में उनकी 80 कविताएं संग्रहीत हैं। ये कविताएं ग्लोगल-भाषा- संस्कृति, शिल्पगत कविताई क्षमताओं के सौंदर्यशास्त्र की अद्वितीय कविताएं हैं। जिसमें विलक्षणता, विग्धता, व्यापक घृणा, तिरस्कार, उपेक्षाओं के प्रति गहन चिंताएं, चिंतन और चेतावनियां हैं। ये कविताएं विश्व कविता परिदृश्य में अपनी अलग विशिष्ट पहचान और स्थान रखती हैं।
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