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एजेंट (eBook)

The Two-Faced Play of Faith and Power
Type: e-book
Genre: Religion & Spirituality, History
Language: Hindi
Price: ₹150
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF, EPUB

Description

एजेंट – विश्वास और शक्ति का दोहरा खेल
क्या गांधी वास्तव में राष्ट्रपिता थे – या सिर्फ एक राजनीतिक एजेंट?
यह पुस्तक गांधी और कांग्रेस की छवि पर सवाल उठाती है, जिसे दशकों से प्रचारित किया गया है। रामजी मंडल द्वारा लिखित, यह भारत के हाशिए पर बसे समुदायों – दलितों, ओबीसी और पिछड़ी जातियों के दृष्टिकोण से एक सशक्त और तथ्यात्मक आलोचना प्रस्तुत करती है।
इस पुस्तक में क्या है:
67 अध्यायों में, लेखक यह उजागर करते हैं कि गांधी के “स्वराज” और “अहिंसा” के विचारों का उपयोग कैसे शोषितों को भावनात्मक रूप से नियंत्रित और दबाने के लिए किया गया। गांधी के अपने लेखन और भाषणों का उपयोग करते हुए, पुस्तक यह दिखाती है कि उन्होंने जाति व्यवस्था का समर्थन किया और दलितों और पिछड़ी जातियों को वास्तविक अधिकारों से वंचित किया।
आपको इसे क्यों पढ़ना चाहिए:
यदि आप डॉ. अंबेडकर, फुले, पेरियार या कांशी राम के विचारों का पालन करते हैं, तो यह पुस्तक आपको भारतीय इतिहास का एक नया दृष्टिकोण देगी। यह केवल एक पुस्तक नहीं है – यह सोचने, सवाल उठाने और जागने का आह्वान है।
यह किसके लिए है:
दलित, ओबीसी और पिछड़ी जातियों के युवा
सामाजिक न्याय और सच्चे भारतीय इतिहास के छात्र और पाठक
जो लोग पाठ्यपुस्तकों के परे सत्य जानना चाहते हैं

एजेंट पढ़ें – और देखें वह सत्य जो दशकों तक छिपा हुआ था।

About the Authors

रामजी मंडल एक संवेदनशील, जुझारू और परिवर्तनकारी सोच रखने वाले युवा लेखक हैं। मात्र 23 वर्ष की उम्र में उन्होंने पॉलिटेक्निक और बीए की शिक्षा पूरी की है, लेकिन उनकी असली शिक्षा समाज के संघर्षों और वंचितों के दुख-दर्द से उपजी है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, बीपी सिंह, काशीराम, ज्योतिबा फुले और कबीर जैसे क्रांतिकारी विचारकों ने उनके मन-मस्तिष्क में चेतना का दीप जलाया है।

रामजी मंडल का मानना है कि इतिहास में कई बार सच को दबाया गया, झूठ को महिमामंडित किया गया। उनकी कलम उन्हीं दबे-सत्य को उजागर करने का माध्यम बनी है। उनकी पहली पुस्तक ‘एजेंट’ सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक विद्रोही पुकार है — जिसमें उन्होंने साहसिक रूप से दिखाया है कि गांधी कैसे कांग्रेस के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे थे।

वे चाहते हैं कि यह किताब समाज के हर उस व्यक्ति तक पहुंचे जो इतिहास की असलियत से वाकिफ होना चाहता है। रामजी का सपना है कि उनके शब्द लोगों के मन में सवाल पैदा करें, उन्हें सोचने और जागने पर मजबूर करें। उनकी लेखनी उन आवाज़ों का प्रतिनिधित्व करती है जिन्हें अब तक दबा दिया गया था। वे चाहते हैं कि उनका लेखन एक नई सोच और बदलाव का जरिया बने

Book Details

Number of Pages: 427
Availability: Available for Download (e-book)

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