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यह कहानी सिर्फ एक कहानी नही है बल्कि एक आइना है उस समाज का जिसमे हम रहते है. जहाँ आये किसी न किसी आबरू लुटती रहती है कभी जबरदस्ती के नाम पर तो कभी मज़बूरी के नाम पर. ये किताब उसी किस्से को दर्शाती है की हम किसी की मज़बूरी का कैसे फायदा उठाते है.
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