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निःसंदेह नैटवर्क मार्केट आज सम्पूर्ण विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। बहुत से लोग आसानी से काम करते हुये बहुत से लाभ बना सकते हैं। बल्कि इसे ऐसे कहें कि साधारण काम करते हुये असाधारण लाभ बना सकते हैं। परन्तु फिर भी आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो इस नैटवर्क मार्केट बिजनेस में सफल नहीं हो पाते और मानवीय प्रकृति व स्वभाव के कारण अधिकतर लोग कम्पनी, अप-लाईन, प्रॉडक्ट्स आदि की गलतियां बता कर स्वयं को सही सिद्ध करने का प्रयास करते हैं।
मैं किसी गलत कम्पनी की सिफारिश नहीं कर रहा हूँ। बल्कि मैं तो यह बताने का प्रयास कर रहा हूँ कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में जो लोग असफल होते हैं उनमें से अधिकतर लोगों से बहुत सी ऐसी छोटी-छोटी गलतियां होती हैं, जो दिखने में गलतियां नज़र नहीं आतीं, लेकिन उनके परिणाम असफलता ही दिलाते हैं।
वे गलतियां क्या हैं, और उनसे कैसे बचा जाये, इन दो सवालों को मुख्य रखते हुये इस पुस्तक की रचना की गई है। लेखक का यह एकदम नवीन प्रयोग है। पूरे संसार में इस तरह की प्रायोगिक पुस्तक ढूँढना मुश्किल है जो सरलता से गलतियां बताते हुये सफलता की ओर ले जाये। यह पहली बार है जबकि नैटवर्क मार्केट की शिक्षा कहानियों के रूप में समझाई गई है। शिक्षा भी पूरी तरह से प्रायोगिक।
इन कहानियों में जो गलतियां बताई गईं हैं नैटवर्क बिजनेस में वाकई लोग इन गलतियों को करते हैं। क्योंकि ये गलतियां इस तरह की हैं जो कि देखने में गलतियां नज़र नहीं आतीं, इसलिये अंजाने में ही लोग इन्हें करते रहते हैं। और सफल होने के लिये जहाँ हमें सही काम की जानकारी होना आवश्यक है, वहीं गलत काम की जानकारी होना भी बहुत आवश्यक है, ताकि उससे बचा जा सके। लेखक की कहानियां बड़ी सरलता से यह समझा देती हैं कि नैटवर्क इंडस्ट्री में कोई व्यक्ति विभिन्न स्तर पर किस तरह की गलतियां करता है; जैसे बहस करना, बहाने बनाना आदि बहुत सी ऐसी गलतियां हैं जो प्रायः हर नैटवर्कर करता है।
ये कहानियां नैटवर्क बिजनेस को समर्पित सभी व्यक्तियों के काम की हैं। ये कहानियां न केवल नये लोगों को नैटवर्क बिजनेस में आने के लिये प्रेरित करेंगी बल्कि जो लोग इस इंडस्ट्री में आ चुके हैं उन्हें भी सही तरह से काम करने के लिये दिशा-निर्देश, मार्गदर्शन व उत्साह देंगी।
अभी तक भारतीय व विदेशी लेखकों की नैटवर्क मार्केट के संदर्भ में इसी तरह की पुस्तकें बाजार में उपलब्ध हैं जो कि लोगों को नैटवर्क मार्केट का महत्व बताती हैं, उसका गुणगान करती हैं। यह पहली ऐसी पुस्तक है जो कि नैटवर्क बिजनेस में काम आने वाली और पूरी तरह से प्रायोगिक शिक्षा देती है; वो भी कहानियों के माध्यम से।
कहानियों के माध्यम से शिक्षा देना भारत की पुरातन संस्कृति व परम्परा है। उसी भारतीय संस्कृति व परम्परा को निभाते हुये यह पुस्तक तैयार की गई है।
अब आप ये कहानियां पढ़ें। इन कहानियों को लोगों को पढ़ने की प्रेरणा दें, अपनी मीटिंग्स आदि में इनका इस्तेमाल करें और इनसे स्वयं भी लाभ कमायें और अपनी टीम को भी लाभ दिलवायें।
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