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'चांदनी समेटते हुए’ पुस्तक में शंकर दीक्षित के 54 गीत संग्रहीत हैं। इन गीत कविताओं में भारतीय जीवन मूल्यों को अपना बल बनाते हुए जीवन को संवारने, संदेश देने और सामाजिक विद्रूपताओं को धता बताने में विश्वास है। अगर नवगीत की अस्मिता में समय की चुनौतियों का उसके संघर्षों का निखार है तो इस उपलब्धि को इस संग्रह के गीत सहेज पाएंगे। इन गीतों में भारतीय विचार धारा, समकालीन बोध, नैसर्गिकता आदि का समावेश है। इन गीतों में आसपास की जमीन से बटोरे गये यथार्थ अनुभव, भोगे हुए यथार्थ, सामाजिक विसंगतियों तथा विद्रूपताओं की झलक स्पष्ट दिखती है।
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