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आखिर घर आ गयी
शलभ सिंह
इस लघु उपन्यास में आज की पीढ़ी के नौजवानो के जीवन और उनके प्रेम जीवन का बहुत स्पष्ट चित्रण है; कहानी में मुख्य पात्र सृष्टि के जीवन में एक के बाद एक कई मर्द आते हैं लेकिन वो समय की धार में बहती चली जाती है और अप्रत्याशित निर्णय लेने लगती है, लेकिन आखिर एक दिन ऐसा आता है जब दूर से चली आ रही कई टेढ़े मेढ़े रास्तों को पार करके वो नदी समुन्दर में मिलकर शांत हो जाती है!
शुभकामना
शलभ सिंह
तालिका
आखिर घर आ गयी
कॉपीराइट
तालिका
दो शब्द
कुछ साल पहले
कुछ महीने बाद
शादी के बाद
कुछ ही हफ्तों के बाद
दो साल बाद
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