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तबाही (रहस्य...रोमाँच)
शलभ सिंह
विदेश में रह रहे जवान बेटे की अचानक मौत, दिल्ली में रहने वाली डॉक्टर और लेखिका माँ को उस देश में जाने को मजबूर कर देती है।
बुद्धिमान, स्नेह से भरी हुई, बहादुर माँ, बेटे की मौत की सच्चाई का पता लगाने को वहां पहुँचती है, और फिर वो राज खुलता है जो सबको हैरान कर देता है।
ये उस माँ के संघर्ष की एक ऐसी कहानी है जो हर उन माँ बाप को सोचने पर मजबूर कर देगी जिनके बेटे या बेटियां विदेश में पढ़ते हैं या रहते है।
शुभकामना
प्रोफेसर राजकुमार शर्मा
तबाही (रहस्य...रोमाँच)
कॉपीराइट
तालिका
दो शब्द
गर्व और सम्मान
नॉर्वे एक स्वर्ग
समारोह के बाद
एक वर्ष पहले
दो दिन बाद
उसी शाम को
नॉरहेमसुंड, नॉर्वे
रात का खाना
असदीस निवास के बाहर
प्रभात के समय
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