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प्यार भरी चिट्ठियाँ
शलभ सिंह
फिलीपींस के एक छोटे से शहर में शुरू हुआ प्यार अचानक ही इस तरह खत्म हो गया जैसे प्यार था ही नहीं, और फिर समय अपनी चाल चलता रहा, और फिर वर्षो के बाद एक ऐसे रहस्य का उद्घाटन हुआ के वो बिछुड़ा प्यार फिर से एक नयी राह पाकर आगे बढ़ने लगा!
मजबूर माँ के स्वार्थ की भेंट बेटी को चढाने वाली परिस्थितियों की ये एक बहुत ही सुन्दर कहानी है जो बिना किसी व्यर्थ सजावट और अनावश्यक शब्दों के प्रयोग के सब कुछ पूरी ईमानदारी और सच्चाई से पाठकों तक पहुंचाती है!
मित्रों, ये एक बिलकुल सच्ची कहानी है और हमारे नायक और नायिका आज भी मनीला में रहते हैं!
शुभकामना
शलभ सिंह
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