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ॐ श्री पद्मरमेण वैष्णवीकल्किणम
"श्रीमद्भागवत-महापुराण" के 12वे स्कंद के अनुसार -
"सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः ।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति ।।"
• ये कलियुग की अंतिम चरण की कथा हैं,, जिसकी पूर्णावधि 432000 वर्ष तक पूर्ण होगी।
• जब धरती पर कलियुग और अधर्म अपने चरम सीमा पर होंगे ।
• जब धरती पर धर्म का एक ही चरण होगा, और अधर्म सम्पूर्ण विश्व में तीन चरणों में होगा ।
• कलियुग के अंतिम चरणों में जब धरती पर चारों ओर पाप और अत्याचार बढ़ने लगेगा । जब धरती
पर ईश्वर जन्म लेगा । हिन्दू धर्म ग्रन्थ "श्रीमद्भागवत-महापुराण" के 12वे स्कंद के अनुसार और
“कल्कि उपपुराण” के अनुसार, वो ईश्वर आएगा ।
• धरती पर कलियुग में जन्म लेने वाला वह भगवान "कल्कि" अवतार के नाम से जाना जाएगा ।
• "श्रीमद्भागवत-महापुराण" और “कल्कि उपपुराण” के अनुसार "कल्कि" भगवान, “सम्भल ग्राम” में
जन्म लेंगे ।
• "कल्कि" भगवान का जन्म ब्राह्मण परिवार में पिता "विष्णुयश" और माता "सुमति" के यहाँ होगा ।
• "कल्कि" भगवान के ज्येष्ठ भ्राता - "कवि", द्वितीय भ्राता - "प्राज्ञ", तृतीय भ्राता - "सुमंत्रक" होंगे ।
स्वयं श्री "कल्कि" भगवान चतुर्थ भ्राता के रूप में होंगे ।
• भगवान कल्कि की पत्नियाँ देवी पद्मा और देवी रमा होगी और उनके चार पुत्र मेघमाल, बलाहक, जय
और विजय होंगे।
• ईश्वर कल्कि अवतार का दिव्य वाहन एक श्वेत घोड़ा होगा । जिसका नाम "देवदत्ता" होगा।
• कल्कि अवतार का मित्र और सन्देश वाहक एक तोता "शुक" होगा ।
• भगवान कल्कि अवतार, अपने 64 गुणों के साथ होंगे, उनके हाथों में एक तलवार होगी, जिसका
नाम "रत्नसुरु" होगा ।
• भविष्य में हिन्दू धर्म ग्रन्थ "कल्कि उपपुराण" और "श्रीमद्भागवत-महापुराण" के अनुसार, ये धरती
पर जन्म लेने वाला भगवान विष्णु का 10 वां अवतार हैं ।
• कलियुग और अधर्म की समाप्ति और पुनः "सत्ययुग" के आगमन हेतु ।
• कल्कि भगवान् धरती पर से कलियुग और अधर्म की समाप्ति कर देंगे, और एक नए युग "सत्ययुग"
को स्थापित करेंगे ।
• ये आने वाले भविष्य की कहानी हैं । जो हिन्दू धर्म शास्त्रों में पहले ही लिखी जा चुकी हैं।
• जब धरती पर चारों ओर पाप, अत्याचार, अनाचार, व्यभिचार और अधर्म अपने चरम सीमा पर
होगा ।
• तो आइए चले उस युग के अंतिम चरण की ओर जिसे हिन्दू धर्म शास्त्रों में "कलियुग" कहा गया हैं ।
जहाँ धरती पर से पाप, अधर्म, अत्याचार, व्यभिचार को मिटाने वाला ईश्वर "कल्कि" अवतार जन्म
लेने वाला हैं ।
कल्कि उपपुराण के काल्पनिक संशोधनों द्वारा संकलित
इसके अतिरिक्त हमने कुछ नई काल्पनिक घटनाओं और तथ्यों को जोड़ा हैं, जिसका उल्लेख कथा में किया गया हैं। हम हमारे प्रयासों में कहां तक सफल हुए हैं, इसका आकलन तो आप पाठकगण इस कथा को पढ़कर ही कर सकते हैं।
लेखक - श्री शीतल गुप्ता
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