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शुभ विचार आनंद अपार
इस परिवर्तनशील संसार में हर चीज प्रति पत्र बदल रही है। मनुष्य हर समय कुछ पाने के लिये, कुछ बनने के लिये प्रयत्नशील रहता है जो कि उसको जीवंत व उर्जित बनाये रखने के लिये आवश्यक भी है। पर ध्यान देने की बात यह है कि अगर मनुष्य की एक कामना पूर्ण हो जाती है तो उसे एक खालीपन का अनुभव होता है और वह फिर एक नयी कामना के साथ प्रयत्नशील होता है। यदि कामना पूर्ण न हो तो उसे दुःख भी होता है। यह सब हर मनुष्य अपने स्वअनुभव से अच्छी तरह से जानता और फिर भी उसका मन विचारों को अपना मानकर विचारों के अधीन हो कर एक विचार या कामना से दूसरी कामना पर छलाँग लगाता रहता है। पर कामना शब्द का अर्थ ही है - काम ना आये ।क्या व्यक्ति होशपूर्ण जीवन जीते हुये कामनाओं के भ्रमजाल से मुक्ति पा...
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