You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution

Add a Review

"तमन्ना" (eBook)

यादों की अल्फ़ाज़
Type: e-book
Genre: Literature & Fiction
Language: Hindi
Price: ₹76
(Immediate Access on Full Payment)
Available Formats: PDF

Description

"तमन्ना" – एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल दास्तां

यह संग्रह एक टूटे हुए दिल की भावनाओं, तन्हाई, अधूरी मोहब्बत और भीतर गूंजते दर्द की करुण कथा है।
यहाँ संकलित कविताएं और शायरी प्रेम के विविध रंगों को उजागर करती हैं —
सूनसान रातों की उम्मीद, जुदाई की कसक, यादों की पीड़ा, और एकतरफा इश्क़ की तड़प।

लेखक ने एक ऐसे प्रेमी की छवि रची है, जो हर साँस में अपने प्रिय का नाम बसाए हुए है,
पर फिर भी तन्हाई का साथ निभा रहा है। उसकी मोहब्बत पूजा बन गई है, और यादें इबादत।
हर अल्फाज़ में एक आह है, हर मिसरे में अधूरापन।

कभी वह प्रेम की बारिश माँगता है, तो कभी अंतिम अल्फ़ाज़ों में अपनी रूह उड़ेल देता है।
हर कविता में प्रेम की गहराई और उसके बिछोह की पीड़ा इतनी सजीव है,
कि पाठक खुद भी उस तन्हाई को महसूस करने लगता है।

माँ की ममता, गंगा किनारे की चिता, और बंद कमरे की खामोशी —
सब मिलकर एक ऐसा वातावरण रचते हैं जहाँ
प्रेम सिर्फ पाने का नाम नहीं, बल्कि त्याग और इंतज़ार की पराकाष्ठा है।

"मोहब्बत का ये सफर" कोई साधारण प्रेमकथा नहीं,
बल्कि आत्मा से निकली वह रूहानी पुकार है,
जिसे शब्दों में पिरोकर लेखक ने एक अमर दस्तावेज़ बना दिया है।

About the Author

मैं कोई शायर नहीं, पर हर दर्द को लफ़्ज़ों में ढालने की आदत सी हो गई है।
मोहब्बत टूटी, तो दिल ने सिखा दिया कि अशआर सिर्फ किताबों में नहीं, जख़्मों में भी पलते हैं।
हर ग़ज़ल मेरे टूटे ख्वाबों की एक तस्वीर है — और हर शेर, उस तमन्ना की याद में लिखा गया है, जो कभी मेरी दुनिया हुआ करती थी।

काग़ज़ मेरा साथी है, और कलम मेरा हमराज़।
जब दिल बोझिल होता है, तो अल्फ़ाज़ उसकी संजीवनी बन जाते हैं।
मैंने इश्क़ को सिर्फ महसूस नहीं किया — उसे जीया है, सहा है, और उसी से सीखा है लिखना।

मेरी तहरीरें किसी मंज़ूरशुदा शायर की तरह मुकम्मल नहीं, पर उनमें सच्चाई है, खालिस जज़्बात हैं।
हर पंक्ति में कहीं न कहीं एक अधूरी मोहब्बत की सिसकी छिपी होती है — और यही मेरी पहचान है।

नाम – सुदीप कुमार वर्मा
बस एक साधारण दिल वाला शख्स, जो अल्फ़ाज़ों से अपनी अधूरी दास्तां कहता है... तमन्ना के नाम।

Book Details

Number of Pages: 50
Availability: Available for Download (e-book)

Ratings & Reviews

"तमन्ना"

"तमन्ना"

(Not Available)

Review This Book

Write your thoughts about this book.

Currently there are no reviews available for this book.

Be the first one to write a review for the book "तमन्ना".

Other Books in Literature & Fiction

Shop with confidence

Safe and secured checkout, payments powered by Razorpay. Pay with Credit/Debit Cards, Net Banking, Wallets, UPI or via bank account transfer and Cheque/DD. Payment Option FAQs.