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तड़पता जिस्म (प्रेम और रोमांस)
सुनयना कुमार
बहुत ही धार्मिक परिवार में शादी हुई थी उसकी, और तीन वर्षों तक वो सभी परम्पराओं को निभाती भी रही और चुपचाप अपने पति के साथ बहुत खुश रहने का दिखावा करती रही, लेकिन वो ही जानती थी के उसको पति से और भी कुछ चाहिए था जो उसको मन की शांति के साथ साथ तन का सुख और संतोष भी दे सकता था, परन्तु उसका पति जब उसके साथ हमबिस्तर होता था तो वो सिर्फ एक मशीन की तरह रतिक्रिया को पूरा करता था और फिर सो जाता था!
फिर जब उसने धैर्य खोकर एक दिन जो निर्णय लिया उसको पढ़कर आप भी बहुत रोमांचित हो जाएंगे! उसने वो सुख पाया, लेकिन अपने पति से नहीं, किसी और की बाहों...
“…अगले कुछ पलो में वो सब कुछ भूल चुकी थी और मीठे मीठे दर्द से कराह रही थी और विनोद को अपनी बाहों में और भी जोर से जकड़ने की कोशिश कर रही थी; वो कामना करने लगी के वो खेल कभी समाप्त ही ना हो और उसको वो असीमित सुख हमेशा के लिए ही मिलता रहे…”
शुभकामना
सुनयना कुमार
तड़पता जिस्म (प्रेम और रोमांस)
कॉपीराइट
तालिका
दो शब्द
गले पड़ा बँधन
शादी के बाद
अधूरी इच्छाएँ
हमबिस्तर होना
उसके मिलने के बाद
सीमा लाँघ गयी
समाप्त
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