You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
बराबर प्यार करना
सुनयना कुमार
असंभव से शुरू हुई ये प्रेम कहानी सम्भव तक किस तरह पहुँचती है इसका अद्वितीय वर्णन आपको इस उपन्यास में मिलेगा. मुसलमान लड़का और हिन्दू लड़की के बीच प्रेम की बात सुनते ही किस तरह कट्टरपंथी बौखला उठते हैं और किस तरह से वो जुनूनी लोग उनको अलग करने की कोशिश करते हैं इसका विवरण बहुत ही साधारण और सरल शब्दों में प्रस्तुत किया गया है.
कई उतार चढ़ाव आते हैं दोनों प्रेमियों की जिंदगी में लेकिन जब कहानी अपने अंतिम पड़ाव पर पहुँचती है तो पाठक के मन में एक दर्द सा उठता है लेकिन पाठक हैरान हो जाता है क्योंकि दर्द के आगे कुछ और भी बाकी होता है!
शुभकामना
बराबर प्यार करना
कॉपीराइट
विषय तालिका
दो शब्द
विद्रोही विचार
नजदीकी के बाद
मिर्ज़ा के घर
माँ बाप से मुलाक़ात
मामा का इंकार
मिर्ज़ा पर हमला
हुसैन और वेंकटेश
और शादी हो गयी
हमला और अंत
आखिर बिक गयी
दो शब्द
वो अँधेरी गली
यादों की गली में
समय के साथ
माँ बेटी
जवान हो गयी
अपराध
फिर अँधेरी गली
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book बराबर प्यार करना.