You can access the distribution details by navigating to My pre-printed books > Distribution
मन की बातें (लघु उपन्यास)
सुनयना कुमार
मन की बातें (लघु उपन्यास)
कॉपीराइट
विषय तालिका
दो शब्द
वो शाम
वो खास दिन
होने वाले पति के घर
वो पहली चिट्ठी
होने वाले पति का जवाब
नया अनुभव
उस सुबह
उनकी मुलाक़ात के बाद दोनों एक दूसरे से बहुत कुछ कहना और पूछना चाहते थे ताकि शादी से पहले ही वो एक दूसरे के बारे में काफी कुछ जान लें, परन्तु एक तो वो दूर दूर रहते थे और दूसरे आज की तरह मोबाइल फ़ोन नहीं थे, इसलिए होने वाली पत्नी ने होने वाले पति से चिट्ठियों के माध्यम से एक दूसरे को जानने और एक दूसरे को समझने के लिए अनुरोध किया जिसको होने वाले पति ने कुछ कठिनाई के साथ स्वीकार कर लिया और फिर सिलसिला चल निकला!
ये एक बहुत ही सरल, सुन्दर, और प्रेम के रस में डूबी हुई एक ऐसी प्रेम कहानी है जिसमे ना तो बड़े बड़े शब्द हैं, ना बड़ी बड़ी बातें हैं, और ना ही बड़ी बड़ी कल्पनाएं ही हैं! लेकिन इस बात का यकीन कीजिये के ये कहानी आपके मन को गुदगुदा जरूर देगी!
शुभकामना
सुनयना कुमार
Currently there are no reviews available for this book.
Be the first one to write a review for the book मन की बातें (लघु उपन्यास).